सलमान के घर घुसने वाला फैन बोला-उनकी ब्रेसलेट चाहिए थी:कहा- बस वो सिर पर हाथ रख दें; घर से पैसे चुराकर दुर्ग से मुंबई पहुंचा

by Carbonmedia
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दुर्ग जिले एक छोटा सा गांव…खुली ईंटों की दीवारों वाला घर… और वहां रहने वाले युवक का सपना सलमान खान जैसी लग्जरी लाइफ जीने का, सलमान जैसा ब्रेसलेट पहनने का…दीवानगी ऐसे कि, घर से पैसे चुराकर दुर्ग से मुंबई के गैलेक्सी अपार्टमेंट तक पहुंच गया। 20 मई को मुंबई के गैलेक्सी अपार्टमेंट में इस फैन ने घुसने की कोशिश की। सलमान से मिलने की चाह थी, सफल नहीं उल्टा पुलिस थाने पहुंचना पड़ा। हालांकि पुलिस ने कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद उसे छोड़ दिया। इसके बाद वह गांव आ गया है।
दैनिक भास्कर की टीम उसके गांव पहुंची। पूरा गांव धीरे-धीरे जान रहा चुका था कि उनके गांव का एक लड़का ‘सलमान खान के घर घुस गया था’। पतला-दुबला सा लड़का कैसे दुर्ग से मुंबई और मुंबई स्टेशन से गैलक्सी अपार्टमेंट के अंदर पहुंचा? जानिए सवाल- सलमान खान के घर क्यों घुसे थे? जवाब- मैं सलमान खान का बड़ा फैन हूं। उनकी तरह जीना चाहता हूं। वैसी लाइफ, वही ब्रेसलेट, सबकुछ। अपने बर्थडे पर सलमान से मिलने का प्लान बनाया। घरवालों से ब्रेसलेट मांगा , सलमान वाला तो उन्होंने मना कर दिया। गुस्सा आया और फिर घर से चुपचाप पैसे चुराए और निकल पड़ा मुंबई। मैंने बहन के बैग से पैसे निकाले, ट्रेन पकड़ी और सीधे गैलेक्सी अपार्टमेंट पहुंचा। सवाल- क्या पहली बार मुंबई गए थे? जवाब- ये पहली बार नहीं था। मैं पहले भी तीन बार गैलेक्सी अपार्टमेंट तक गया था। सुरक्षाकर्मियों ने भगा दिया था। इस बार अंदर घुसने की कोशिश की, पकड़ा गया। सवाल- कैसे मुंबई पहुंचे और गैलेक्सी अपार्टमेंट में क्या-क्या हुआ? जवाब- मैं रायपुर एयरपोर्ट भी पहुंचा था, वहां जो जवान लोग थे उनसे कहा कि मेरी मदद करो मुझे सलमान से मिलना है। वो वीजा-पासपोर्ट मांगने लगे और अंदर जाने नहीं दिया। इसके बाद मैंने घर से फिर पैसे चुराए और मुंबई ट्रेन से चला गया। दो बार सलमान के अपार्टमेंट में घुसने की कोशिश की। गैलेक्सी अपार्टमेंट के समाने खड़े होकर सलमान के पिता सलीम खान का पार्क तक भी पीछा किया। उनसे भी बात करने की कोशिश की लेकिन गार्ड ने भगा दिया। कहा, तेरा बाप है क्या जो मिलेगा? इसके बाद तीसरी बार जबरन गैलेक्सी अपार्टमेंट में घुसने की कोशिश की, तो सुरक्षाकर्मियों से हाथापाई हो गई। मैंने गुस्से में अपना मोबाइल जमीन पर पटककर तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया और वो हिरासत ले लिया गया। कुछ घंटे बाद कोई केस दर्ज नहीं किए समझाकर छोड़ दिए। सवाल- आपको पता था कि ये गैरकानूनी है और गलत है? जवाब- हां सर गलत है, लेकिन मैं भी गलत इरादे से नहीं गया था इसलिए शायद पुलिस ने छोड़ दिया। मैं आतंकी या कोई क्रिमिनल नहीं हूं। सवाल- अब क्या चाहते हो? जवाब- बस सलमान खान जैसा बनना चाहता हूं। उतना तो नहीं, उनकी परछाई बन जाऊं तो बहुत है। बस वो मेरे सिर पर हाथ रख दे। मीडिया और आप लोग उनसे मिलवा सकते हो। सवाल- क्या ये सिर्फ फैन बनने की हद थी? जवाब- “इतने कम पैसों में लाइफ नहीं चलती। मैं कुछ बड़ा करना चाहता हूं। सलमान से मदद मांगना चाहता था। बस।” पुलिस ने क्या कहा? उतई थाना प्रभारी से जब हमने बात कि तो उन्होंने बताया — “मुंबई पुलिस ने जानकारी मांगी थी। हमने टीम भेजी, जितेंद्र का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है। अब जानिए जितेंद्र और उसके परिवार के बारे में गांव वालों में अब भी हैरानी है। कोई खुलकर बोल नहीं रहा। कुछ ने कहा बच्चा है, गलतफहमी में चला गया। पर नीयत गलत नहीं थी। वहीं उसके घर पहुंचे तो उसके घर के बाहर से दीवारें बिना प्लास्टर की थीं। अंदर छोटा भाई मिला – वैभव। उसने बताया भाई अब गांव आ गया है। पुलिस ने छोड़ दिया है। जीतेन्द्र के पिता हरदयाल सिंह गांव-गांव घूमकर दाल बेचते हैं। जब हम घर पहुंचे तब हरदयाल दाल बेचने निकल गए थे। परिवार में कुल चार लोग पिता, जीतेन्द्र, उसका छोटा भाई और एक बहन। भाई भी दाल बेचने का काम करता है लेकिन जीतेन्द्र 1 साल पहले ही ये काम छोड़ चुका है। मकान पक्का जरूर है, लेकिन अधूरा लगता है दीवारें खुली ईंटों की हैं। जैसे जिंदगी भी अभी अधूरी है।

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