सहारनपुर कोर्ट ने पति को सुनाई 10 साल की कैद:दहेज प्रताड़ना और छेड़छाड़ का था आरोप, 4 को भी 1-1 साल की सजा

by Carbonmedia
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सहारनपुर कोर्ट ने छेड़छाड़ और दहेज प्रताड़ना में पति को 10 साल और सास-ससुर, ननद और मामा को एक-एक साल की सजा सुनाई है। मुख्य आरोपी पति पर 16 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 2021 में महिला थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-2 ने पत्रावली पर आए साक्ष्य और गवाहों की गवाही के आधार पर ये सजा सुनाई है। वहीं एक आरोपी को साक्ष्य के अभात में दोष मुक्त कर दिया है। चारों अभियुक्तों पर 21-21 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। एडीजीसी मैनपाल सिंह ने बताया कि महिला थाना में एक महिला ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि उसकी शादी 25 नवंबर 2020 को जगाधरी के रहने वाले सुमित के साथ हुई थी। वो नाई का काम करता है। दिन में बाहर ही रहते हैं। पीड़िता ने बताया कि 25 जुलाई 2021 में जब मेरे पति सुमित सैलून पर गए हुए थे। मैं घर पर अकेली थी। मेरे ससुर कुलदीप ने मुझे अकेली पाकर मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। प्राइवेट पार्ट को छूआ। शोर मचाने पर वो जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गया। पीड़िता ने बताया कि जब शाम को उसका पति घर आया तो उसने ससुर की हरकतों को बताया। आरोप है कि उसके पति ने उसके साथ गाली-गलौच की और मारपीट की। प्रेग्नेंट होने के बाद भी पति ने लात मारी। सास संतोष, ननद राधिका और तन्नु ने जबरदस्ती मुझे बेड से खींचकर गिरा दिया। मारपीट की और गाली-गलौच की। पीड़िता दर्द से तड़पती रही। अगले दिन सुमित के मामा उमेश उर्फ राकेश घर पर आए और उन्होंने भी मारपीट की। चरित्रहीन का आरोप लगाया। पीड़िता ने बताया कि उसके बाद मार पीटकर मायके छोड़कर आए। मायके वालों ने सरकारी अस्पताल में दिखाया। लेकिन कोई आराम नहीं मिला। जिसके बाद डॉक्टरों ने गर्भपात किया। ससुराल में काफी फोन किए लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। पीड़िता ने बताया कि ससुरालिए उससे कार की मांग की। कभी प्लाट लेने की बात कहते थे। पीड़िता ने महिला थाने में ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। महिला थाना पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट कोर्ट में पेश की। जिसके आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी कमल दीप की कोर्ट ने अभियुक्त पति सुमित को 10 साल कठोर कारावास और 16 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं ससुर कुलदीप, सास संतोष, ननद राधिका और तन्नू को 1-1 साल की सजा और 21-21 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं ममेरे ससुर राकेश उर्फ उमेश को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है।

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