भास्कर न्यूज | लुधियाना किसानों को कृषि नीति और पर्यावरणीय प्रयासों के केंद्र में लाने की पहल के तहत मंगलवार को लुधियाना स्थित एक होटल में सांझ पंजाब: स्वच्छ और समतापूर्ण कृषि भविष्य विषय पर गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में 20 से अधिक संगठनों ने भाग लिया। वक्ताओं ने कहा कि अब तक प्रदूषण से निपटने की योजनाओं में किसानों की भागीदारी सीमित रही है। जबकि सांझ पंजाब का उद्देश्य किसानों को नीति-निर्माण और समाधान प्रक्रिया के केंद्र में लाना है, ताकि वे इस बदलाव का नेतृत्व कर सकें। सम्मेलन में पराली जलाने, भूजल संकट और कृषि विविधता की गिरावट जैसी पंजाब की प्रमुख चुनौतियों पर समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया गया। सहयोग करें, एकजुट हों, प्रतिबद्ध हों थीम के अंतर्गत राज्यभर की मौजूदा पहलों को चिन्हित कर समन्वय स्थापित करने की दिशा में ठोस पहल की गई। इस दौरान विषयगत कार्य समूह बनाए गए, जो अलग-अलग मुद्दों पर आगे की कार्रवाई तय करेंगे। इसके साथ ही सभी सहभागी संगठनों के बीच वास्तविक समय में संवाद और निर्णय लेने को आसान बनाने के लिए एक राज्य-व्यापी व्हाट्सएप ग्रुप की शुरुआत की गई। यह ग्रुप जानकारी के त्वरित आदान-प्रदान, संसाधनों की साझेदारी और नियमित अपडेट के उद्देश्य से बनाया है। पीएयू के निदेशक, विस्तार शिक्षा डॉ. एमएस भुल्लर ने वैज्ञानिक अनुसंधान को जमीनी अनुभवों से जोड़ने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि पीएयू इस साझेदारी को तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। वहीं, सम्मेलन की सह-आयोजक क्लीन एयर पंजाब की गुरप्रीत कौर ने स्पष्ट किया कि यह आयोजन महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि किसान-केंद्रित दीर्घकालिक आंदोलन की शुरुआत है। गठबंधन अगले दो महीनों में संयुक्त कार्ययोजना को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेगा। साथ ही, मासिक समीक्षा और अनुवर्ती बैठकों की रूपरेखा पहले ही तय कर ली गई है, ताकि हर स्तर पर ठोस प्रगति सुनिश्चित की जा सके।
सांझ पंजाब सम्मेलन में किसानों को कृषि नीति का हिस्सा बनाने के लिए मांग उठाई
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