Delhi News: दिल्ली की साउथ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड (एएटीएस) पुलिस ने संगठित अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है. सागरपुर क्षेत्र में चल रहे सट्टेबाजी और अवैध शराब के धंधे को ध्वस्त करते हुए टीम ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें एक नामचीन शराब तस्कर और 6 जुआरी शामिल हैं.
एक ही घर से दो अपराधों का पर्दाफाश
डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि 01/02 जुलाई 2025 की रात को पुलिस को सूचना मिली कि सागरपुर इलाके में एक घर के भीतर अवैध शराब और जुए के अड्डे का संचालन हो रहा है. एसीपी ऑपरेशन विजय कुमार की देखरेख और एएटीएस के इंचार्ज इंस्पेक्टर रामकुमार के नेतृत्व वाली एसआई वेद प्रकाश एएसआई प्रवीण, जयपाल, विनोद कुमार, महिला एएसआई संध्या, एएसआई धर्मेंद्र कुमार एवं अन्य की टीम ने रूप सिंह उर्फ रुपा प्रधान के घर पर छापेमारी की. जहां पहली मंजिल से 75 क्वार्टर देसी शराब और 22 बोतलें बीयर की बरामद हुईं, जबकि ग्राउंड फ्लोर पर पांच लोग जुआ खेलते पकड़े गए.
इस मामले में पकड़ा गया मुख्य आरोपी 62 वर्षीय रूप सिंह उर्फ रूपा प्रधान राजस्थान के झुंझुनू का रहने वाला है और पिछले 30 वर्षों से सागरपुर में निवास कर रहा है. सातवीं तक पढ़ा यह आरोपी इलाके में कुख्यात है. उसकी पत्नी निर्मला और बहू गंगा पहले ही अवैध शराब बेचने के आरोप में दिल्ली से निष्कासित की जा चुकी हैं.
रूप सिंह के खिलाफ पहले भी दो केस दर्ज हैं. रूप सिंह के साथ-साथ अमित कुमार (30), सुरेश (60), विश्वास (38), राजू शर्मा (45) और किशन शर्मा (45) को जुआ खेलते हुए पकड़ा गया. इनसे कुल 31,210 रुपये सट्टा राशि, तीन नोटपैड जिनमें सट्टे का लेखा-जोखा लिखा था, पांच खाली नोटपैड, एक कार्बन शीट और एक बॉल पेन बरामद हुआ.
आरोपियों में एक पूर्व बीएसएफ जवान भी शामिल
इस मामले में गिरफ्तार आरोपी सुरेश कभी बीएसएफ में कांस्टेबल था, लेकिन कारगिल युद्ध के दौरान उसने सेवा छोड़ दी थी. इसके बाद उसका कोर्ट मार्शल हुआ और अब वह अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाया गया. जबकि अन्य आरोपी पहले भी गैम्बलिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार हो चुके हैं. इस मामले में पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है.
सागरपुर में नशे के खिलाफ दिल्ली पुलिस का एक्शन, सट्टेबाजी और अवैध शराब के अड्डे से 7 आरोपी गिरफ्तार
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