बुंदेलखंड के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले सागर जिले के राहतगढ़ में एक बेहद ही सुंदर जलप्रपात है. भारी बारिश होने के बाद बीना नदी पर ऊंची चट्टानों से पानी गिरता है, तो दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए खींचे चले आते है . सेल्फी और नहाने के दौरान अक्सर जानलेवा हादसे इसमें हो चुके है. कलेक्टर संदीप जी आर ने वाटरफॉल का निरीक्षण करते हुए पर्यटकों की सुरक्षा संबंधी निर्देश भी दिए है.
राहतगढ़ वाटरफॉल को भालकुंड और भीमकुंड के नाम से भी जाना जाता है. यह जलप्रपात घने जंगलों के बीच में बना हुआ है. इसके दोनों तरफ हरे भरे पेड़ और बीच में करीब 50 फीट के ऊपर चट्टानों से कुंड में पानी गिरता देखकर लोगों का मन आनंदित हो उठता है.यह बीना नदी के ढलान वाले किनारे पर स्थित है, जिसे इस स्थान पर चौदह मेहराबों वाले एक सुंदर पुल द्वारा पार किया गया है, जिसका निर्माण 1863 में पूरा हुआ था.
यहां पर तमाम की गई हैं व्यवस्थाएं
यह वाटरफॉल सागर, रायसेन, विदिशा और भोपाल के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहने वाले राहतगढ़ वाटरफॉल पर इन दिनों सैलानियों का तांता लगा हुआ है. लगातार बारिश के बाद मौसम साफ होते ही सागर जिले के राहतगढ़ वाटरफॉल को देखने हजारों सैलानी पहुंचने लगे हैं. इन सबके बीच में जालियां लगा दी गई हैं.
कलेक्टर ने राहतगढ़ वाटरफॉल का किया निरीक्षण
वाटरफॉल के पास जाने के चक्कर में कई बार यहां पर हादसे हो चुके हैं. हादसों की सुरक्षा के मद्देनजर कलेक्टर संदीप जी आर राहतगढ़ वाटरफॉल का निरीक्षण किया एवं वहां मौजूद पर्यटकों से चर्चा की. उन्होंने सभी से अपील भी की कि राहतगढ़ वाटरफॉल हमारी प्राकृतिक धरोहर इसे साफ स्वच्छ बनाए रखना हम सब का कर्तव्य है, यहां स्वच्छता बनाए रखें.
‘अपनी सुरक्षा का भी रखें ध्यान’
कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने वाटरफॉल देखने आने वाले पर्यटकों से चर्चा करते हुए अपील की कि वह यहां पर आकर वॉटरफॉल का आनंद अवश्य लें, लेकिन अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखें. बरसात के मौसम में अत्यधिक पानी आने के कारण पर्यटक वॉटरफॉल को उचित दूरी एवं सुरक्षित रहते हुए देखें. वाटरफॉल के अत्यधिक नजदीक जाने से बचें.
सागर का राहतगढ़ वाटरफॉल: खूबसूरती के साथ सुरक्षा जरूरी, कलेक्टर ने दिए निर्देश
2