सावधान! गोरखपुर में डिटर्जेंट और केमिकल से तैयार हो रहा था पनीर, मात्रा देखकर उड़े टीम के होश

by Carbonmedia
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Gorakhpur Fake Paneer Factory: गोरखपुर में खाद्य विभाग की टीम को छापेमारी में बड़ी सफलता मिली है. टीम ने नकली पनीर की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. शहर के उत्तरी छोर पर स्थित एक कस्बे में अवैध रूप से चल रही एक फैक्‍टरी पर टीम ने छापा मारा तो वहां हानिकारक केमिकल, मिल्‍क पाउडर और डिटर्जेंट से नकली पनीर तैयार किया जा रहा था.


टीम ने वहां पर तैयार किया गया 250 किलोग्राम नकली पनीर और घटिया क्वालिटी के पाउडर से बनाया गया 800 लीटर दूध बरामद कर उसे नष्‍ट करा दिया. इसके साथ ही फैक्‍टरी को सील कर दिया है. यहां हर रोज 50 से 55 क्विंटल पनीर तैयार किया जाता रहा है.

गोरखपुर के खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने गोरखपुर मुख्यालय से 25 किलोमीटर उत्‍तर पिपराइच कस्बे के पास स्थित बरईपार गांव में अवैध रूप से चल रही फैक्‍टरी पर शिकायत के बाद छापेमारी की कार्रवाई की. इस फैक्‍टरी को नकली पनीर बरामद होने के बाद 2 मई को भी सील किया गया था.


गोरखपुर और आसपास के जिलों महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया के साथ बिहार तक पनीर की सप्लाई की जाती रही है. यहां हर रोज 50 से 55 क्विंटल नकली पनीर घटिया क्वालिटी के मिल्‍क पाउडर, स्‍वास्‍थ्‍य को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक केमिकल, डिटर्जेंट, व्हाइटनर, गुलाबजल, एसेंस डालकर तैयार किया जाता रहा है.


दिन के बजाय रात में कर रहे थे तैयार


इसी महीने की शुरुआत में फैक्‍टरी में छापेमारी की कार्रवाई कर इसे बंद करा दिया गया था. उस समय स्‍थानीय लोगों ने फैक्‍टरी से बदबू आने और भारी पैमाने पर नकली पनीर बनाकर बाजार में सप्‍लाई करने की शिकायत की थी. इसके दो-चार दिन बाद ही फैक्‍टरी में दिन की बजाय रात में पनीर तैयार किया जाने लगा.


हरियाणा के मेवात के नूह जिले से आए कारीगर यहां पर कैमिकलयुक्‍त पनीर तैयार कर रहे थे. खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापा मारकर इस धंधे को पकड़ा, यहां केमिकल से तैयार किया गया 250 किलोग्राम (ढाई क्विंटल) पनीर और 800 लीटर दूध नष्ट कराया गया. यहां से कृत्रिम दूध बनाने के लिए रखे पाउडर व करीब 10 प्रकार के केमिकल जब्त कर सील कराया गया.


पहले थी डेयरी


बरईपार गांव में खालिद नाम के व्यक्ति ने करीब एक साल पहले डेयरी खोली थी. वो कारीगर की मदद से कुछ दिन बाद ही वह पनीर बनाने लगा. पनीर को शुद्ध बनाकर अगल-बगल के बाजार में भेजने लगा. लोगों का विश्वास जमते ही डेयरी बंद कर दी और पूरी तरह केमिकल से पनीर बनाने का धंधा शुरू कर दिया. इसके लिए उसने हरियाणा के नूंह जिले से कारीगर बुलाए थे. शहर से यहां रोजाना करीब चार लाख रुपये का पाउडर और केमिकल पहुंच रहा था.


इस अवैध कारखाने में हर रात 50 से 55 क्विंटल पनीर बनता था, लेकिन दूध नहीं आता था. दूध की जगह सस्ती कंपनी के मिल्क पाउडर का इस्तेमाल होता था. इस पाउडर के घोल में फैब्रिक व्हाइटनर, गुलाब जल, इलेक्ट्रोप्लेटिंग पाउडर, सैकरीन आदि मिलाया जाता था.


इस टीम ने की छापेमारी


सहायक आयुक्‍त खाद्य डा. सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्‍व में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन तिवारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेन्‍द्र कुमार श्रीवास्तव, अंकुर, नागेंद्र, आभा, संतोष, उमाशंकर, विनय, प्रतिभा, आशुतोष, श्रीनिवास, विजयानंद, स्वामीनाथ, कमल नारायण, नरेंद्र आदि ने सैम्पलिंग कर फैक्ट्री को सील कर दिया. एक साल में पनीर के 50 से अधिक नमूनों की जांच हुई है. इसमें अधिकतर में मिलावट की पुष्टि हुई है.


मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक


सहायक आयुक्‍त खाद्य डा. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पिपराइच के बरईपारा में सूचना मिलने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से कार्रवाई की गई. सूचना मिली थी कि कई तरीके से सिंथेटिक पनीर बनाया जा रहा था. वहां पर जाने पर सूचना सही पाई गई. वहां से 250 किलोग्राम पनीर, 800 लीटर तैयार दूध, मिल्‍क पाउडर के पैकेट, मानव स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक काफी सारे कैमिकल पाए गए हैं. कोस्‍टर कलर, सैक‍रीन जैसे खतरनाक रसायन पाए गए हैं.


इसका नमूना लेकर लैब भेजा जा रहा है. इनके विरुद्ध अन्‍य वैधानिक कार्रवाई की जा रही है. पूरी फैक्‍ट्री को बंद करा दिया गया है. सारे समान को सीज कर दिया गया है. अन्‍य अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है.

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