सिरसा के रहने वाले बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के शहीद जवान मदन सिंह का गांव रूपावास देश सेवा में अग्रणी भूमिका रखता है। इस गांव में करीब 100 फौजी हैं और दो स्वतंत्रता सेनानी भी है। शुरू से इस गांव के युवाओं की लग्न सेना में रही है। गांव का कोई न कोई युवा सेना में भर्ती होता है। यहीं जनून देश सेवा का जवान मदन सिंह में था। मदन सिंह शुरू से पढ़ाई में अव्वल थे। वह बीए पास थे और बीएसएफ में बतौर हवलदार भर्ती हुए थे। 2014 में बीएसएफ जॉयनिंग हुई थी। इससे पहले उन्होंने इंडियन नैवी का पेपर दिया था, जिसमें वंचित रह गए। इसके बाद बीएसएफ में भर्ती हुए। पहली पोस्टिंग असम में मिली। अब गुजरात के भुज में सेवाएं दे रहे थे। उनके निधन पर पूरे गांव में शोक की लहर है। परिजनों के अनुसार, मदन सिंह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे और उनका निजी अस्पताल में इलाज रहा था। मगर उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई। मदन सिंह ऐलनाबाद के रूपावास गांव के रहने वाले थे। उन्होंने 23 जुलाई को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। गांव में 100 फौजी, सैकड़ों युवा रेस लगाते है : सरपंच उदय पाल ग्राम पंचायत रूपावास से सरपंच उदय पाल ने बताया कि मदन सिंह मिलनसार व्यक्ति थे। एक गरीब से थे और माता-पिता ने मजदूरी कर अपने बच्चों काे पढ़ाया। सरपंच ने बताया कि वह पढ़ाई में भी होशियार था और काफी मेहनती था। मदन की सोच ही यह थी कि देश की सेवा करूं। गांव में करीब 100 फौजी है और सैकड़ों युवा रेस लगाते हैं और सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। गांव में शुरू से युवाओं की खेल और सेना के प्रति रुचि रही है। गांव में वॉलीबाल सहित अन्य खेल के लिए व्यायामशाला और स्टेडियम की सुविधा है। खेल की दो से तीन खेल नर्सरी है। लड़कों-लड़कियों के लिए वॉलीबाल की खेल नर्सरी है। गांव से दो फौजी आजाद हिंद फौज में थे सरपंच उदय पाल ने बताया कि गांव रूपावास से दो आजाद हिंद फौज में भागुराम पूनिया और मौजीराम पूनिया थे। इन दोनों परिवार में आज भी पीढ़ियां देश सेवा में है। भागुराम पूनिया के बेटे इंद्राराज इंडियन नैवी से रिटायर्ड और मौजीराम के बेटे रामकुमार फौज से रिटायर्ड है। साल 2018 में हुई थी शादी, एक बेटा-एक बेटी बीएसएफ जवान मदन सिंह के पिता भूपसिंह खेतीबाड़ी करते हैं और माता गुड्डी देवी गृहिणी है। मदन सिंह की शादी 2018 में हुई थी। उनकी पत्नी पूनम बीए पास है और ग्रहणी है। उनका बड़ा बेटा भव्य 6 साल और चार साल की बेटी प्ररेणा है। बड़े भाई हनुमान सिंह पटवारी है। भाई हनुमान सिंह ने बताया कि मदन सिंह अप्रैल माह में छुट्टी लेकर घर आया था और 20 मई को वापस लौटना था, लेकिन इससे पहले 2 मई को तबीयत बिगड़ गई। वह अपनी बहन निर्मला गांव गुसाईंयाणा में जलवा पूजन में गया हुआ था। वहीं पर पेट दर्द होने लगा और तबीयत बिगड़ी। जिसके बाद उन्हें भादरा के निजी अस्पताल में ले जाया गया। गत 12 दिनों तक मेंदाता में दाखिल रखा और बाद में दिक्कत बिगड़ती गई। पेनक्रियाज का ऑपरेशन हुआ था। इसके बाद लगातार शुगर, बीपी की दिक्कत होने लगी थी।
सिरसा के BSF जवान मदन के गांव में 100 फौजी:सैकड़ों युवा नौकरी में, कई कर रहे सेना भर्ती की तैयारी, अलग-से खेल नर्सरी
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