सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ नपुंसक बनाने के मामले में अहम गवाह के परिवार को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। गवाह के भाई और पूर्व पार्षद प्रतिनिधि हरदास सिंह ने बताया कि उन्हें विदेशी नंबरों से लगातार धमकी भरी कॉल्स और मैसेज आ रहे थे, जिसकी जानकारी चैट अब सामने आई है। थेहड़ केस के शिकायतकर्ता हरदास सिंह के अनुसार, जब डेरा प्रमुख पैरोल पर सिरसा आए, तब से उन्हें लगातार धमकी भरी वॉट्सऐप कॉल्स आने लगीं। हर बार नए-नए इंटरनेशनल नंबरों से वॉट्सऐप कॉल्स आती थीं। फोन न उठाने पर धमकी भरे मैसेज भेजे जाने लगे। सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं। इसकी डिटेल के साथ सिरसा एसपी को एप्लिकेशन दी थी, पर कोई संज्ञान नहीं लिया। जब सिक्योरिटी नहीं मिली तो परिवार को जान का खतरा ज्यादा बढ़ गया। इस वजह से पहले उसके भाई ने और बाद में खुद व उसकी बेटी ने घर से बाहर रहना शुरू कर दिया। बीते चार से पांच माह से बाहर विदेश में ही रह रहे हैं। एक घर पर गार्द तो दूसरे घर पर कोई नहीं
शिकायतकर्ता हरदास सिंह ने बताया कि विधानसभा चुनाव के समय उनके पास जो गनमैन था, उसे चुनाव के चलते वापस ले लिया। अब तक दोबारा से उसे मुहैया नहीं दिया। जो डेरे के पास घर है, सिर्फ वहीं पर दो पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। उनका दूसरा घर गौशाला रोड पर है, वहां कोई गार्द नहीं है। पहले दोनों घरों के बाहर गार्द रहती थी। नपुंसक बनाने के केस में भाई है गवाह- हरदास
पार्षद प्रतिनिधि हरदास सिंह ने बताया कि उनके बड़े भाई गुरदास सिंह डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के विरुद्ध नपुंसक बनाने के मामले में गवाह हैं। स्वयं हरदास सिंह थेहड़ मामले में शिकायतकर्ता हैं। दोनों भाईयों को गनमैन मिले थे। वही, सिरसा के एसपी डॉ. मयंक गुप्ता का कहना है कि यह मामला संज्ञान में नहीं हैा। मेरे आने से पहले का हो सकता है। इससे संबंधित स्वयं शिकायतकर्ता या कोई व्यक्ति उनसे मिलने भी नहीं आया। अगर ऐसी बात है या शिकायत आएगी तो उस पर कार्रवाई करेंगे। ऐसे मामलों में कुछ पैरामीटर भी है, जिनकी जांच करनी पड़ती है। दो बार हो चुका हमला- हरदास
हरदास सिंह ने बताया कि 2017 में जब सिरसा डेरा प्रमुख बलात्कार केस में जेल गए थे, उसी दौरान गवाह गुरदास सिंह के घर पर हमला हुआ था। भीड़ ने घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे और शीशे तोड़ दिए थे। इसके चलते कुछ समय बाद गुरदास सिंह घर से बाहर रहने लगे। उसके बाद 2017 में थेहड़ मोहल्ला की जगह खाली करवाने में प्रशासन की मदद करने के दौरान कुछ शरारती तत्वों ने हरदास सिंह पर भी हमला कर दिया। उस दौरान चंडीगढ़ से पुरातत्व के डायरेक्टर डॉ. प्रवीण कुमार सिरसा आए थे, उनके सामने ही हरदास के साथ गाली-गलौज व झगड़ा करने लगे। इसके बाद डायरेक्टर ने ही डीजीपी को हरदास की सिक्योरिटी बढ़ाने की बात कही थी। 24 घंटे सिक्योरिटी के लिए कहा, पर उनके पास एक ही गनमैन रहा। जानिए क्या है थेहड़ का पूरा मामला
थेहड़वासियों का शुरुआत से ही कच्चा थेहड़ (मिट्टी का टीला) व पुरातत्व विभाग का ही विवाद चल रहा था, जिसके संबंध में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर इस थेहड़ को खाली करवाने के लिए 2012 में जिला प्रशासन व सरकार को निर्देश दिए गए। थेहड़वासियों ने संघर्ष करते हुए इस मामले में स्टे ले लिया। लगभग चार साल तक यह मामला कोर्ट में चला और हाईकोर्ट ने इसे पुन: खाली करवाने के निर्देश दिए। अब तक 28 एकड़ भूमि हुई खाली
सिरसा प्रशासन अब तक 753 परिवार थेहड़ से हुडा सेक्टर 19 में बने हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट में शिफ्ट कर चुका है। अब तक चली प्रक्रिया बिल्कुल शांतिपूर्वक रही है। अब निचले हिस्से के मकानों की बारी आई है तो लोग विरोध करने पर उतर गए हैं। प्रशासन थेहड़ से 28 एकड़ भूमि का कब्जा पुरातत्व विभाग को सौंप चुका है। अभी भी करीब 2500 परिवार थेहड़ पर बसे हुए हैं। उनको भी मकान खाली करवाने के आदेश दिए हुए हैं। कुल 85 एकड़ भूमि खाली करवाने के आदेश हैं। इसलिए अभी भी 57 एकड़ भूमि से मकान तोड़कर कब्जा हटवाना है। यहां बता दें कि थेहड़ मामले और नपुंसक केस हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
सिरसा डेरा प्रमुख-थेहड़ केस में वॉट्सऐप-चैट सामने आई:परिजन बोले-राम रहीम के जेल से आते ही विदेश से धमकियों भरे कॉल आ रहे, घर छोड़ा
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