सिरसा तहसीलदार की VIDEO वायरल, पैसे लेन-देने का जिक्र:MLA गोकुल सेतिया ने दो दिन पहले दी थी चेतावनी, आज फेसबुक पर की शेयर

by Carbonmedia
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सिरसा के तहसीलदार की पैसे लेन-देन के आरोप में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह पार्टी का नाम लेकर बार-बार गाली-गलौज कर रहे हैं और पैसों को लेकर चर्चा कर रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों में खलबची मची है। खास बात है कि यह वीडियो मोबाइल से बनाया हुआ नहीं है, जबकि तहसील कार्यालय के सीसीटीवी कैमरे का है। इस वीडियो ने सभी के हौश उड़ा दिए हैं। किसी को समझ नहीं आ रहा है कि तहसील कार्यालय में ऐसा चल रहा था और कितने दिनों तक?। सिरसा के कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने दो दिन पहले ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव आकर चेतावनी दी थी कि वह सिरसा के एक भ्रष्ट अधिकारी की असलियत सामने लाएंगे। आज सोमवार को अपने फेसबुक पर यह वीडियो शेयर कर दी है। इस दौरान जिला परिषद के सीईओ डा. सुभाष को भी गांवों में गलियों-सड़कों के काम न करने पर लताड़ गई थी और विधानसभा में धरना देने तक की चेतावनी दी थी। दरअसल यह वीडियो 10 से 15 दिन पहले का है। उस समय तहसीलदार भुवनेश अपने कार्यालय में बैठे हैं और उनके पास उनका ही स्टाफ खड़ा है। इस दौरान दोनों पार्टी से पैसे लेन-देन पर बात कर रहे हैं। इस बीच आमजन भी इंतकाल या अन्य कागजों पर साइन करवाने आते हैं। मगर वह दोनों रूक-रूककर अपनी बातें जारी रखते हैं। बता दें कि इससे पहले तहसीलदार भुवनेश हिसार व फतेहाबाद में रह चुके हैं। पिछले कुछ समय से वह सिरसा में कार्यरत थे। तहसीलदार बोले-इसका उनको भी पता नहीं पिछले कुछ दिनों से यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ था। तहसीलदार पर रिश्वत मांगने के आरोप में एक मैसेज भी वायरल हुआ था। इस बारे में तहसीलदार से बातचीत की गई तो बोले कि उनको भी नहीं पता कि यह कैसे हुआ। इसकी जांच करवा रहे हैं। तहसील ऑफिस में तहसीलदार व कर्मचारी के जो बातचीत हुई, जानिएं प्वाइंट में – तहसीलदार अपने ही स्टाफ से पार्टी के बारे में कह रहे हैं कि एक सप्ताह का समय निकालना है। जब चक्कर काटेगा तो गाली … देते हुए बोले कि पता चल जाएगा। सही होगा तो आवेगा, वरना नहीं। पैसे मैंने ले रखे है। तीन लाख में अपना इलाज करवाऊंगा और बाकी घर काम में। पास में खड़े कर्मचारी से कहते हैं कि यह बात किसी को बतानी नहीं है। कर्मचारी कहता कि आपके आगे हूं जी, ऐसी कोई बात नहीं है। इनको अकल आ जागी। – तहसीलदार स्टाफ से कह रहे हैं कि किसी से पैसे ले रखे हैं तो पार्टी जान खाएगी। पार्टी काम करवाएगी। अगर काम नहीं किया तो कपड़े फाड़ लेगी। इसके बाद घीसी करते हुए मेरे पास आएंगे। फिर कहेगा कि लो जी, आपके मूल समते लो। जो कहोगे वो कर दूंगा। – तहसीलदार स्टाफ से कह रहे हैं कि घीसी काढ गै आवेंगे। कर्मचारी से कह रहे हैं कि सुन मेरी बात। ठीक है। तभी किसी का तहसीलदार के पास फोन आता है और उनके साथ टेस्ट कराकर इलाज करवाने की बात करते हैं और उसमें सोमवार व मंगलवार की दो दिन छुट्‌टी पर बात कर रहे हैं। फोन कटने के बाद ऑफिस के कर्मचारी के साथ तहसीलदार फिर जोर से हंसते हैं। – तहसीदार कहते हैं कि उक्त कर्मचारी से कहते हैं कि समझ में नहीं आएगी कि क्या हुई। एक सप्ताह का समय निकल गया तो गाली ….. देते हुए बोले कि फिर देख लेना। एक सप्ताह क्या 15 दिन निकलने दे। फिर ऐसे आएंगे सीधा ऑफिस में। चाहे देख लेना। इस पर ईशारा करके भी समझाते हैं। फिर आपा कहेंगे कि पहले वाला हिसाब करो – इसके बाद तहसीलदार स्टाफ से यह कहते हैं कुछ खाली टोकन रख ले एडवांस। इस दौरान कुछ बोतलों पर भी बातचीत होती है और कहते कि उनको खाली करके छोड़ दो। फिर कहेंगे कि कई दिन हो गए, कई दिन हो गए और यह भी कहेंगे कि मामला बिगाड़ा नी करदे। इस पर तहसीलदार अपनी जेब पर हाथ लगाते यह कहते है कि ये पकड़। – आखिर में तहसीलदार और स्टाफ के बीच ट्रांसफर की बात चलती है। तहसीलदार कहते हैं कि मैंने उससे कहा कि अगले महीने ट्रांसफर होनी है। इस पर वह कहता कि मेरी भी ट्रांसफर रूकवा दो जी। मैंने कहा कि कहां करवानी है बता। दो लाख लगेंगे। इस पर जवाब देता कि कोई बात नहीं, दो लाख रुपए देने को तैयार है। मैं उससे बात कर लूंगा। तहसीलदार कहते कि बता कैसे मनाएगा।

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