सिरसा में एसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठा परिवार:हत्या के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी की मांग, 10 दिन का अल्टीमेटम

by Carbonmedia
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सिरसा में डबवाली के चर्चित मसीतां हत्याकांड मामले में पीड़ित परिवार पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट नजर आ रहा है। सोमवार को मृतक गुरसेवक के परिजनों ने डबवाली एसपी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि 10 दिनों के भीतर मुख्य आरोपी संजय कटारिया की गिरफ्तारी नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। मृतक की बहन सतबीर कौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि 22 अप्रैल की शाम गांव के बीचोंबीच उनके भाई गुरसेवक की सरेआम गोलियों से हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के पीछे ट्रांसपोर्टर संजय कटारिया की साजिश थी, जिसने पहले रेकी करवाई और फिर वारदात को अंजाम दिलवाया। उन्होंने बताया कि परिवार पहले ही हरियाणा के डीजीपी और आईजी से मिलकर न्याय की गुहार लगा चुका है, लेकिन डबवाली पुलिस साजिशकर्ता को बचाने में लगी है। पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप सतबीर कौर ने कहा कि “पुलिस की जांच एकतरफा है और जानबूझकर मुख्य साजिशकर्ता को बचाया जा रहा है। आज हमने प्रतीकात्मक धरना दिया है लेकिन यदि 10 दिन में संजय कटारिया की गिरफ्तारी नहीं हुई तो हम मजबूरन बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।” थाना प्रभारी का पक्ष वहीं इस मामले में थाना प्रभारी शैलेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा, “जिस आरोपी का परिवार जिक्र कर रहा है, संजय कटारिया, उसका अब तक की जांच में कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। पुलिस उसके फोन कॉल, बैंक डिटेल्स और अन्य जानकारियों की जांच कर रही है। यदि उसके खिलाफ कोई सबूत मिलता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।” घटना का विवरण 22 अप्रैल की शाम करीब 7:30 बजे गुरसेवक अपने दोस्त दीपक के साथ मोटरसाइकिल पर जा रहा था। तभी पीछे से आए बाइक सवार युवकों ने उसका पीछा किया और एक युवक ने गुरसेवक पर सात-आठ गोलियां दाग दीं। दीपक को भी एक गोली लगी। इस हमले में गुरसेवक की मौके पर ही मौत हो गई थी। अब तक कई आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें भाऊ उर्फ कुलदीप सिंह, पंच इकबाल और अमरदीप सहित अन्य शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि इन सभी से पूछताछ की जा रही है और मामले में आगे की जांच जारी है। धरने में गांववासी भी शामिल
गुरसेवक के परिजन अब न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर हैं। उनका कहना है कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक मुख्य साजिशकर्ता को सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाया जाता। धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में गांववासी भी शामिल हुए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

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