सिरसा जिले के झोरड़नाली के पास घग्गर नदी से निकले सदैवा मम्मड़ खेड़ा खरीफ चैनल पर विवाद गहरा गया है। पुलिस बल की मौजूदगी में नहर विभाग ने किसानों की लगी पाइपलाइनों को जेसीबी से उखाड़ दिया। कार्रवाई के दौरान सैकड़ों किसान खरीफ चैनल पर एकत्र हो गए। किसान बोले-उफान को कम करने में मिलती थी मदद किसानों के अनुसार मम्मड खेड़ा तक करीब 200 पाइपलाइनें लगी हुई थी। ये पाइपलाइनें घग्गर नदी के उफान के समय पानी को कम करने में मदद करती थी। किसान इन्हीं पाइपलाइनों से खेतों की सिंचाई कर रहे थे। पिछले कुछ दिनों से खरीफ चैनल के पानी को लेकर विभाग और किसानों के बीच विवाद चल रहा था। पंचायत से नहीं बन पाई सहमति विभाग ने चैनल के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए गांव की पंचायत के साथ बैठक की, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई। किसानों ने विभाग की कार्रवाई का विरोध किया और नारेबाजी की। उनका कहना है कि पाइप हटाने के लिए उन्हें समय दिया जाना चाहिए था। बिना सूचना के की गई यह कार्रवाई किसानों के हितों के खिलाफ है। हालांकि विभाग ने पाइप हटाने की कार्रवाई जारी रखी। सिंचाई विभाग ने नहीं दिया समय किसानों ने कहा कि उन्होंने सिंचाई विभाग से समय मांगा था, लेकिन प्रशासन ने उन्हें समय नहीं दिया जिससे लाखों रुपए कीमत की डाली गई पाइप पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो रही है। उन्होंने कहा कि घग्गर नदी का पानी खेतों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने 20 साल संघर्ष किया था, तब जाकर माइनर निकल पाया। बाढ़ में कई गांव डूब जाते है बाढ़ के दिनों में झोरड़नाली, पुरानी चामल आदि गांव डूब जाते हैं, तो उसे समय प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार का कोई हर्जाना उन्हें नहीं दिया जाता, यह खुला पानी है। इसको हम अपने खेतों में प्रयोग कर सकते हैं। अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए उठाया कदम सिंचाई विभाग एक्सईएन संदीप कुमार ने बताया कि खरीफ चैनल में डाली पाइपलाइन अवैध है। खरीफ चैनल के अंतिम टेल तक पानी पहुंचाने के लिए जितनी भी पाइप लाइन डाली गई है। उन्हें उखाड़ जाएगा, ताकि अंतिम छोर तक पानी पहुंच सके। उन्होंने बताया कि रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल पर भी अवैध रूप से डाली गई पाइपों को उखाड़ जा रहा है। खरीफ चैनल की सफाई की जाएगी।
सिरसा में खरीफ चैनल विवाद गहराया:जेसीबी से उखाड़ी किसानों की पाइपलाइन, पुलिस बल तैनात, विरोध पर नहीं सुनवाई
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