सिरसा के सिविल अस्पताल में एक गर्भवती की मौत के बाद मंगलवार रात को काफी हंगामा हुआ। मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने लापरवाही बरती है और उसे सही से नहीं संभाला, जिस कारण उसकी मौत हो गई। वहीं डॉक्टर बोली कि उनको बचाने का मौका तक नहीं मिला। यह अचानक हो गया। परिजन बोले कि अनू डिलिवरी के समय सही थी। ऐसे में डॉक्टर ने बोला कि इसे पहले कुछ देर टहला लो तो दर्द शुरू हो जाएंगे। वह उसको इधर-उधर टहला रहे थे। इन्होंने संभाला नहीं। पहले भी एक उनके परिवार में एक लड़के की बहू की मौत हो गई थी। उस समय भी कुछ नहीं कहा, अब दोबारा ऐसा हो गया। मृतक गर्भवती की पहचान 25 वर्षीय अनू पत्नी मंगल सिंह के रूप में हुई। वह सिरसा के रानियां रोड स्थित झंडी वाली गली की रहने वाली थी। मंगलवार शाम करीब तीन बजे उसे परिजन डिलिवरी के लिए सिविल अस्पताल में लेकर आए थे। डॉक्टरों ने उसे अस्पताल में दाखिल कर दिया और इलाज शुरू कर दिया। शाम साढ़े 7 बजे के बाद उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई। यह उसकी दूसरी डिलिवरी थी। पहले एक बेटी है। अनू की माैत के बाद परिजन और उसके परिवार वाले रात को अस्पताल में इकट्ठा होना शुरू हो गए। काफी संख्या में भीड़ हो गई। पुलिस को भी सूचना पहुंची। आरोप – अनू के पेट को जोर-जोर से दबाया परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों व स्टाफ ने अनू के पेट को दबाया है और जोर-जोर से दबाया। वह सही थी, अचानक उनको बोला कि वह एक्सपायर हो गई, बाकी कोई जवाब नहीं दिया। अस्पताल आते ही दाखिल कर लिया और बीपी लो था तो दवा दे दी। प्रसव पीड़ा का दर्द उसे कम था तो उन्होंने डॉक्टर से कहा कि इसका दिल कमजोर है। आप देख लो। डॉक्टर ने कहा कि जोर तो उसे ही लगाना पड़ेगा। वह थोड़ी लगाएंगे। डॉक्टर बोली, नॉमर्ल डिलिवरी होनी थी महिला डॉक्टर बोली कि पौने तीन बजे अस्पताल में भर्ती हुई थी। पहले उसकी एक नॉर्मल डिलिवरी हो चुकी है और एक बेटी पहले है। उसे बीपी की शिकायत थी। उस समय डॉ. सुशमा ड्यूटी पर थी। खून भी सात से साढ़े 7 बजे ग्राम था। नॉर्मल डिलिवरी के लिए रखा था। प्रोग्रेस भी सही चल रही थी। सेकेंड स्टेज में थी, उसकी नॉर्मल डिलिवरी होनी थी। उसने हमें टाइम ही नहीं दिया और उसका हार्ट फेल हो गया।
सिरसा में गर्भवती की मौत पर हंगामा:परिजन बोले, लापरवाही बरती, पेट को दबाया गया, डॉक्टर बोली, मौके ही नहीं मिला बचाने का
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