सिरसा में जलभराव से फसलों को नुकसान:डीसी ने दिए गिरदावरी के आदेश, पोर्टल खुलेगा; MLA बैनीवाल ने उठाया मामला

by Carbonmedia
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सिरसा जिले के चोपटा क्षेत्र में हाल ही में हुई बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सेमग्रस्त गांवों में जलभराव से नरमा, कपास, ग्वार, मूंगफली, मूंग और बाजरे की फसलें बर्बाद हो रही हैं। इस स्थिति पर ऐलनाबाद विधायक भरत सिंह बैनीवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, जिस पर डीसी ने स्पेशल गिरदावरी और क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने के आदेश दिए हैं। जानकारी अनुसार, ने तहसीलदार नाथूसरी चोपटा और ऐलनाबाद को प्रभावित गांवों की फसलों का विस्तृत आकलन करने के निर्देश दिए हैं। कृषि विभाग के अनुसार, नाथूसरी चोपटा खंड के करीब 10 गांवों में 2,608 एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलभराव से प्रभावित हुई है। इनमें से 1,110 एकड़ में 50 से 75 प्रतिशत तक और 1,500 एकड़ में 100 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई है। प्रभावित गांवों में चाहरवाला, तरकांवाली, शाहपुरिया, शक्कर मंदोरी, गंजा रुपाणा, रुपाणा बिश्नोईयां, माखोसरानी, नाथूसरी कला, हजीरा, लुदेसर, रुपाणा खुर्द, दड़बा कलां, गुड़िया खेड़ा, रूपवास और रायपुर शामिल हैं। विधायक बैनीवाल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर प्रभावित किसानों को 35,000 रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने शनिवार को प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। प्रभावित किसान वीरेंद्र कासनिया, संदीप कुमार, प्रदीप कुमार, सुभाष चंद्र, मनीष, विनोद, राजेंद्र और प्रवीण कुमार ने बताया कि एक एकड़ पर 8,000 से 10,000 रुपये तक की लागत पहले ही लग चुकी है। लगातार बारिश से खेतों में भरे पानी के कारण फसलें पूरी तरह नष्ट होने के कगार पर हैं। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे स्पेशल गिरदावरी या क्रॉप कटिंग रिपोर्ट तैयार होने तक जलभराव वाली फसलों को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट न करें। विभाग ने स्पष्ट किया कि खरीफ फसलों की बिजाई का समय समाप्त हो चुका है और रबी की तैयारी में अभी समय है, ऐसे में मुआवजे की प्रक्रिया किसानों के हित में जरूरी है।

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