सिरसा में दो फर्मों को कृषि विभाग ने थमाए नोटिस:औचक निरीक्षण में खाद फर्टिलाइजर में मिली अनियमिताएं, दो दिन में मांगा जवाब

by Carbonmedia
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सिरसा जिले में खाद की कमी और किसानों में लगातार मारामारी के बीच कृषि विभाग की टीम आज फील्ड में उतरीं। इसकी शुरूआत डबवाली मंडी से हुई। कृषि एंव किसान कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) डॉ. जगमिंद्र नैन खुद बुधवार को मंडी डबवाली में खाद विक्रेताओं की दुकानों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान मंडी में पांच खाद की दुकानों की जांच और उनमें खाद के वितरण से लेकर गोदामों में उपलब्ध खाद व पीओएस मशीन में उपलब्ध खाद के स्टॉक का मिलान किया और दुकानदारों से स्टॉक रजिस्टर व अन्य दस्तावेजों की जांच की। इस दौरान दो फर्मों का खाद का रिकॉर्ड मैंटेंन नहीं मिला और अनियमिताएं भी मिली। इस बारे में संयुक्त निदेशक नैन ने दुकानदारों से इसका कारण पूछा तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका। दुकानदारों ने सफाई में कहा कि वह दो दिन से बाहर थे तो रिकॉर्ड मैंटेंन नहीं कर पाए। इस पर उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। डबवाली मंडी की हंसराज हमेश कुमार और जेआरपी फर्जीलाइजर फर्म को नोटिस दिया गया है। विभाग ने इनसे दो दिन में जवाब मांगा है। अगर तय समय में जवाब नहीं भेजा तो आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस दौरान उप कृषि निदेशक, गुण नियंत्रण निरीक्षक, विषय-विशेषज्ञ, सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी व उप मंडल कृषि अधिकारी डबवाली मौजूद रहे। इन फर्मों का किया दौरा विभाग के अनुसार, सबसे पहले सत्ताखेड़ा सीडस एंड पेस्टीसाइज का टीम ने दौरा किया। इसके बाद गौतम पेस्टीसाइज, 139 नंबर हंसराज हमेश कुमार, 69 नंबर जेआरपी फर्टिलाइजर, दा मसीतां कापरेटिव फर्म का दौरा किया। ये व्यवस्थाएं जांची दुकान या गोदामा में वेंटिलेशन या अन्य मानक पूरे हैं या नहीं। खाद या अन्य फर्जीलाइजर प्रोडेक्ट का पूरा रिकॉर्ड है या नहीं। कहीं ऐसे प्रोडेक्ट तो नहीं, जिनकी हरियाणा में सेल या बिक्री की अनुमति न हो। दुकान या गोदाम पर स्टॉक का नोटिस बोर्ड लगा है या नहीं। कहीं नकली खाद या फर्जिलाइजर की बिक्री न हो रही हो। खाद की बिक्री पर लगाई रोक : उप निदेशक कृषि विभाग से उप निदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि अनियमितता पाए जाने पर दो डीलरों/फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तुरंत प्रभाव से खाद की बिक्री पर रोक लगा दी है। सभी डीलरों/फर्मों को सख्त हिदायत दी गई कि वे खाद के साथ किसी प्रकार की टैगिंग न करें। उन्होंने डीलरों/फर्मों को यह भी निर्देश दिए कि सरकार की हिदायतों अनुसार खाद बिक्री करें, ताकि किसानों को समय पर खाद मिल सके।

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