देशभर के करीब पांच करोड़ लोगों से हजारों करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाली चिटफंड कंपनी पीएसीएल ( पर्ल ग्रुप) की सिरसा में भी 216 जमीन है। यह जमीन अलग-अलग सात कंपनियों के नाम है और पर्ल्स ग्रुप की ही बताई जा रही है। इन कंपनियों के नाम सामने आ गए है, इस तरह है। जैसे कुंजू बिल्डर्स डिवलपर्स, पर्ल टैक्स सर्विसिज, लूमर सिटी प्रोमोटर्स, काजेरंगा रियल एस्टेट, पर्ल इनटेक, पलर्स इन लिमिटेड व अन्य। वहीं, इस जमीन को खरीदने के लिए हरियाणा और राजस्थान से लोग पहुंच रहे हैं। सभी ने तहसील कार्यालय से पर्ल ग्रुप की जमीन का रिकॉर्ड जाना और जानकारी मांगी है कि क्या जमीन पर कोई किसी तरह का लोन तो नहीं या कोई ओर दिक्कत। अगर जमीन ले ले तो बाद में परेशानी न हो। इस पर प्रशासन ने सभी को रजिस्ट्री करवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद इच्छुक लोगों ने जमीन लेने पर सहमति जताई और आवेदन दिया है। यह नीलामी ऑनलाइन होनी है। इसके बाद सिरसा जिला प्रशासन के पास सूचना आएगी और रेवेन्यू विभाग इस जमीन के इंतकाल और रजिस्ट्री आदि करने का काम करेगा। इसका उद्देश्य है कि पर्ल ग्रुप की जमीन बेचकर लोगों के पैसे दिए जा सकें। ऐसे में जो लोगों कंपनी द्वारा की गई ठगी का शिकार हुए है, उनको डूबा हुआ पैसा वापस लौटाकर राहत देने काम किया जाएगा। यह 214 एकड़ जमीन सिरसा जिले के ऐलनाबाद हलके के गांव नीमला में हैं। यह जमीन कहरवाला रोड पर है। इस जमीन का 60 प्रतिशत हिस्सा नीमला गांव में आता है और 40 प्रतिशत ऐलनाबाद में लगता है। लोढ़ा समिति करवाएगी ऑनलाइन नीलामी, 9 करोड़ रखा बेस प्राइज सूत्रों के अनुसार, अब तक सुप्रीम कोर्ट की लोढ़ा समिति इस जमीन की निगरानी रखे हुए थी। लोढ़ा समिति ही इस जमीन की 30 जून को नीलामी करवाएगी। इस जमीन का बेस प्राइज 9 करोड़ रुपए रखा गया है। इसके लिए 10 प्रतिशत यानी 90 लाख रुपए एडवांस जमा करवा लिए है। इस जमीन को बेचने के बाद जो राशि आएगी, वो उन लोगों को दी जाएगी, जिनका कंपनी में पैसा डूब हुआ है। ऐसे में लोगों के लिए एक नई उम्मीद जगीं है। यह जमीन भी अकेले पर्ल ही नहीं सात से आठ कंपनियों के नाम है। बताया जा रहा है कि यह सभी पर्ल मालिक ने ही बनाई हुई है। इसका मकसद लोगों से बीमा एवं एफडी करने के नाम पैसे हड़पना था। 2001-02 से खरीदना शुरू की थी जमीन सूत्रों की मानें तो पर्ल कंपनी ने साल 2001 से 2002 में यह जमीन सिरसा के ऐलनाबाद में खरीदना शुरू की थी। उस समय यह जमीन औने-पौने दामों में खरीद ली। ग्रामीणों के अनुसार, अब इस जमीन की कीमत 15 से 20 रुपए प्रति एकड़ आंकी जा रही है। इसमें कुछ जमीन बिरानी यानी रेतीले टिब्बे हैं और कुछ एरिया में सिंचाई पानी लगता है। पर्ल्स ग्रुप का मालिक निर्मल सिंह भंगू पंजाब के बरनाला जिले का रहने वाला है। वह दूध बेचने से लेकर इन्वेस्टमेंट कंपनी में काम कर चुका था। कंपनी बंद हो गई तो उसने यह लोगों को ठगने के लिए 1980 में पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट (पीजीएफ) कंपनी बनाई। इसे आयकर टैक्स व अन्य जांच के चलते बंद कर दिया। 3996 में पीएसीएम नाम से कंपनी बनाई और लोगों को एफडी के नाम पर मोटा मुनाफा देने का लालच देकर 5 करोड़ लोगों ने 50 हजार करोड़ रुपए इन्वेस्ट कर दिए। भंगू ने देश में अलग-अलग जगहों पर जमीनें व प्रोपर्टी खरीद ली। 2016 में भंगू समेत चार को गिरफ्तार किया था। मालिक निर्मल सिंह भंगू की अगस्त 2024 में मौत हो गई।
सिरसा में पर्ल्स कंपनी की जमीन 7 कंपनियों के नाम:हरियाणा-राजस्थान के लोग जमीन रिकॉर्ड पता करने पहुंचे, लोढ़ा समिति ऑनलाइन कराएगी नीलामी
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