सिरसा में प्रधान से बदसलूकी का पुलिसकर्मियों पर आरोप:परिवार वालों का एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन, बोले हाथ जोड़ने पर भी नहीं छोड़ा

by Carbonmedia
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सिरसा के सोशल यूथ क्लब के एक प्रधान से तीन पुलिसकर्मियों पर प्रताड़ना और बदसलूकी करने का आरोप लगाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर प्रधान के परिवार वालों ने शनिवार को एसपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। परिवार का आरोप है कि थाने में हाथ जोड़ने पर भी उसे नहीं छोड़ा और उसके साथ गलत काम करने की कोशिश की। यह आरोप नाथूसरी चौपटा थाने के तीन पुलिसकर्मियों पर है और पीड़ित थाने के अंतर्गत एक गांव का है। इस दौरान पीड़ित प्रधान अशोक कुमार की पत्नी और परिवार वालों ने करीब एक से डेढ़ तक रोष प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि अशोक को झूठे केस में फंसाया गया है। इसके बाद एसपी डा. मयंक गुप्ता को शिकायत दी है। मामले में एसपी ने डीएसपी से जांच करवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिवार वाले सहमत हुए।
प्रदर्शन के दौरान महिला सुनीता देवी ने बताया कि पुलिस रात को 12 बजे आई और मेरे पति को उठाकर ले गई। मेरे साथ बहुत बदतमीजी की। जब उसने पति को छुड़वाने की कोशिश की तो उसके साथ भी मारपीट कर गाड़ी में डालकर ले गए। उसके साथ गाड़ी में भी बहुत गलत काम किया और उसे जातिसूचक गाली-गलौज भी किया। उसके साथ गलत काम करने की भी कोशिश की। आरोप है कि उस समय तीन पुलिसकर्मी थे और तीनों शराब के नशा में थे। उनकी जांच करवाई जाए। इस समय अशोक सिविल अस्पताल में उपचाराधीन है। यह जानिएं पूरा मामला
सिरसा के गांव निरबाण निवासी सोशल यूथ क्लब के प्रधान अशोक कुमार ने बताया कि दो दिन पहले पड़ोस में दो परिवारों में चिट्‌टा या नशा को लेकर झगड़ा हो रखा था। उस समय वह भी वहां पर यूथ क्लब प्रधान के नाते वहां चला गया। उसमें से एक उनका परिवार था। इसके बाद उसी पर नशा बेचने का आरोप लगा दिया और बोले कि प्रधानगी करता है। किरयाना की दुकान चलाता है
अशोक ने बताया कि वह गांव में किरयाना की दुकान करता है। तीनों पुलिसकर्मी रात को आए और जबरदस्ती उसे उठा ले गए। गाड़ी में उसके साथ गलत काम करने की भी कोशिश की। उस समय शिकायत करने वाला भी गाड़ी में था, उसे भी पीट रहे थे। गाड़ी में उसके बाल पकड़े खींचा और उसके सिर को पकड़कर गाड़ी के शीशों पर मारा। प्राइवेट पार्ट से की खींचतान अशोक ने बताया कि थाने में ले जाने पर उसका प्राइवेट पार्ट से खींचतान की और एक पुलिसकर्मी ने उसे उलटा पटककर बेल्ट से पीटा और दूसरा पुलिसकर्मी ने जूते से गर्दन दबा ली। उसने उनके सामने हाथ जोड़े, पर नहीं छोड़ा। रात को ढाई बजे परिवार वाले थाने में पहुंचे और उसे छुड़वाया। मैंने उनसे कहा कि मैं सोशल वर्कर हूं और आप गलत कर रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने एक न सुनी। उसके पास सुसाइड के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा था, पर घरवालों ने बचा लिया। हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई
नाथुसरी चोपटा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजकुमार का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है। ड्यूटी तो करनी पड़ती है। थाने में भी कैमरे लगे हैं। यह आरोप बेबुनियाद है। हमारे पास इसकी कोई शिकायत भी नहीं आई है। अगर शिकायत आएगी तो जांच की जाएगी।

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