सिरसा में आज गुरुवार को दो पक्षों में हुए झगड़े में फायरिंग मामले में घायल चाचा-भतीजा को गंभीर हालत में सिरसा से अग्रोहा मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया है। रात को पुलिस ने भी घायलों के बयान दर्ज कर लिए हैं। मगर अभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। घायल दवेंद्र सिंह ने बताया कि उनको पता नहीं था कि यह गोली चला देंगे। पहले कोई झगड़ा नहीं हुआ। वह पानी लगाने को पानी के टाइम पर खेत में गए थे। नंबरदार हातम सिंह और उसका बेटा गुरसेवक सिंह ने पहले डंडों से भी पीटा। उसके चाचा ने उनके सामने हाथ जोड़े और यह भी कहा कि क्या हुआ, इसका पंचायत में फैसला कर लेते हैं। मगर दोनों बाप-बेटे ने एक न सुनीं। नंबरदार हातम सिंह उनको डंडों से पीटता रहा और उसके बेटे गुरसेवक ने पिस्तौल निकाली और बिलकुल पास से गोलियां चला दीं। गुरसेवक ने अपने पास पिस्तौल छिपा रखी थी। उन्होंने पहले ही यह साजिश रची हुई थी। उन्होंने न तो वहां पर पंचायत जमीन ली हुई है और न ही पानी का समय था। बावजूद इसके दोनों ने उनके साथ झगड़ा किया। जब पानी का टाइम बनाया था तो सभी से चर्चा के बाद बनाया था। उसी समय अनुसार वह पानी लगाने के लिए गए थे। मौजूखेड़ा में ले रखी पंचायत जमीन, जहां झगड़ा हुआ घायल दवेंद्र सिंह ने बताया कि वह निकौड़ा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने मौजूखेड़ा में करीब पांच एकड़ जमीन सामलात की पंचायत की पटे पर ली हुई है। उसका वीरवार को पानी का समय था। जब वह पंचायती जमीन में पानी के मोटर चलाने के लिए गए तो वहां पर नंबरदार हातम सिंह व उसका बेटा गुरसेवक आ पहुंचे। आते ही दोनों ने झगड़ा शुरू कर दिया। गोली गलने के बाद वह उनको रानियां के सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे। वहां से शाम को डॉक्टरों ने सिविल अस्पताल सिरसा के लिए रेफर कर दिया। पंचायती जमीन पट्टे पर ली थी दरअसल यह पंचायती जमीन मौजूखेड़ा गांव के अंतर्गत आती है, जहां पर यह झगड़ा हुआ। घायल दवेंद्र और हरमीत सिंह नकौड़ा गांव के रहने वाले हैं। पास ही उनकी ढाणी है। आरोपी गुरसेवक खासा ढाणी का रहने वाला है।
सिरसा में फायरिंग मामला, चाचा-भतीजा अग्रोहा रेफर, बयान दर्ज:जान बचाने को हाथ भी जोड़े, नंबरदार के बेटे ने पास से मारी गोली
3