सिरसा जिले के कालांवाली नगर पालिका चुनावों (2025) में पंचायत मंत्री के दौरे के अगले दिन शुक्रवार को सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया पहुंचे। इस दौरान विधायक गोकुल सेतिया ने पंजाबी भाषा में लोगों को संबोधन करते हुए साधने का काम किया। कारण है कि यह इलाका पंजाब के सीमावर्ती इलाके से साथ लगता हैं। ऐसे में पंजाबी बोली का ही ज्यादा बोलबाला है। इस बीच विधायक सेतिया कभी पंजाबी तो कभी हरियाणवी बोली में बोल रहे थे। गोकुल सेतिया ने कहा कि “सिरसा ट्रिपल इंजन की सरकार का भुगतभोगी है। पहले लोगों से कहा गया था कि ट्रिपल इंजन बनाओ, लेकिन अब हालत यह है कि आधे एमसी खुद धरने पर बैठे हैं।” उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा, “आप यह गलती मत दोहराइए। कालांवाली में कांग्रेस को जिताइए, तभी यहां विकास होगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कालांवाली में पहले भी ट्रिपल इंजन की सरकार थी, लेकिन इस शहर को “काला पानी” बना दिया गया। इसलिए इस बार सोच-समझकर वोट करें और एक ईमानदार एवं जनसेवी उम्मीदवार को ही अपना प्रतिनिधि चुनें। चुनावी कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे सेतिया जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को कांग्रेस प्रत्याशी महेश झोरड़ के चुनावी कार्यालय का उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें सिरसा के कांग्रेस नेता गोकुल सेतिया पहुंचे और भाजपा पर कटाक्ष करते हुए निशाना साधा। उनके साथ कालांवाली विधायक शीशपाल कहरवालां के पिता ओमप्रकाश कहरवालां भी मौजूद रहे। कार्यकर्ताओं में दिखा जोश महेश झोरड़ की उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश देखा गया। उद्घाटन मौके पर काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। सेतिया ने भरोसा जताया कि कालांवाली को एक नया नेतृत्व मिलेगा, जो जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करेगा। हर समस्या का प्राथमिकता से समाधान किया जाएगा। 9 साल पहले थे भाजपा के चेयरमैन मनीष जिंदल वहीं कालांवाली से विधायक कांग्रेस से शीशपाल कहरवाला है। अब नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी में कड़ा मुकाबला है। इस बार राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं, क्योंकि 9 साल पहले भाजपा के चेयरमैन मनीष जिंदल थे। इस बीच कोई चुनाव नहीं हुए। विधायक सेतिया ने इस पर भी निशाना साधा कि पहले भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार में भी काम नहीं हुआ तो अब क्या होगा।
सिरसा विधायक पहुंचे कालांवाली, बोले पिछली गलती ना दोहराएं:ट्रिपल इंजन सरकार की जनता भुगतभोगी, स्थिति बनी बदतर, पंजाबी बोली में साध गए
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