सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने अपनी ही पार्टी और पार्टी नेताओं की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है। इस पर विधायक गोकुल सेतिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट भी शेयर की है, जिसमें नाराजगी जाहिर की है। यह ताजा मामला कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा के विवाद से जुड़ा है कि किस तरह उनके पक्ष में रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा और अन्य नेताओं के बयान आए थे। विधायक सेतिया द्वारा डाली गई पोस्ट में लिखा है कि कांग्रेस के विधायकों के साथ हुई जाजती का हमारी लीडरशिप ने मोर्चा खोलकर उस जाजती के खिलाफ बोलने का काम किया, वो अच्छी बात है। अपने लोगों के लिए स्टैंड लेना भी चाहिए, पर शायद मुझे कांग्रेस के नेता अपना नहीं समझते, क्योंकि मैंने मुख्यमंत्री की तारीफ की। इसलिए मेरे साथ जब भी सरेआम जाजती हुई, जनता की लड़ाई लड़ते समय तो पार्टी के किसी नेता ने साथ नहीं दिया। यह सब देखकर भी खामोश रहे, कोई बात नहीं उनकी इच्छा। मैं तो केवल एक पाजिटिव राजनीति को आगे बढ़ाना चाहता हूं। अगर किसी ने हमारे इलाके का भला किया तो शुक्रिया करना क्या गलत है, मैंने कौन-सा भाजपा ज्वाइन कर ली?? मैं भी सिरसा के जनता के द्वारा दिए हौसले से काम करता हूं और हमेशा से सिरसा वालों के आशीर्वाद से उनको हकों की लड़ाई हौसले से लड़ता आया हूं और अपना संघर्ष जारी रखूंगा। चाहे नेतागण साथ दे या ना दें। सेतिया के विवाद में नहीं आया किसी पार्टी नेता का बयान मगर विधायक गोकुल सेतिया के अनुसार उनके के विवाद में किसी नेता का बयान नहीं आया। इस बात से नाराज होकर यह पोस्ट डाली गई है। इस पर अब पार्टी हाईकमान क्या फैसला लेती है, वो देखना होगा। इससे पहले भी उन्होंने पार्टी हाईकमाल पर सवाल उठाए थे और सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट में कहा कि सिरसा नगर परिषद के चेयरमैन से भी प्रधानमंत्री मिलते हैं और उनकी तारीफ करते हैं। मगर उनकी पार्टी के नेता न तारीफ करते और न ही पार्टी कमेटी की मीटिंग में बुलाते। इसके बाद उनको पार्टी कमेटी की मीटिंग में बुलाया और प्रदेशध्यक्ष ने उनसे अलग से गुफ्तगूं की और नाराजगी दूर की। ऐसे हुआ था विधायक अशोक अरोड़ा का विवाद कुरुक्षेत्र में शुक्रवार को थानेसर नगर परिषद की हाउस मीटिंग में कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा और भाजपा पार्षद प्रतिनिधि नरेंद्र शर्मा के बीच हाथापाई हो गई। क्योंकि मीटिंग में बाहरी व्यक्ति, पार्षद प्रतिनिधि और मीडिया की एंट्री बैन थी। इसका विधायक अशोक अरोड़ा ने पार्षद प्रतिनिधि के मीटिंग में बैठने का विरोध जताया। इस पर विधायक अशोक अरोड़ा और नरेंद्र शर्मा में कहासुनी हो गई। नरेंद्र शर्मा ने कहा कि पहले हुई मीटिंगों में पार्षद प्रतिनिधि बैठते रहे हैं, इसलिए मैं बाहर नहीं जाऊंगा। इस पर अरोड़ा और शर्मा में तू तड़ाक हो गई। दोनों अपनी-अपनी कुर्सियों से खड़े होकर दौड़े और हाथापाई शुरू हो गई। शोर सुनकर विधायक के गनमैन अंदर आए और अरोड़ा को छुड़ाया।
सिरसा MLA ने पार्टी की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल:पोस्ट में लिखा- मेरा साथ किसी नेता ने नहीं दिया, मैं संघर्ष जारी रखूंगा
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