भिवानी जिले के सिवानी मंडी में केंद्रीय ट्रेड यूनियन की हड़ताल में विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इसमें मनरेगा मजदूर, आशा वर्कर, मिड डे मील वर्कर, ग्रामीण चौकीदार, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, निर्माण मजदूर, टीचर संघ और बिजली बोर्ड के कर्मचारी शामिल रहे। तहसील परिसर में सुबह से ही मनरेगा मजदूर अपनी समस्याओं को लेकर एकत्र हुए। मेट को समय पर नहीं मिल रहा वेतन मजदूर नेताओं ने कहा कि जियो टैगिंग की वजह से मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेट को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और उनकी मजदूरी तीन-तीन साल तक लंबित रहती है। मनरेगा मजदूरों की मुख्य मांगें – मनरेगा में 200 दिन काम और 800 रुपए मासिक वेतन। – मेट को कुशल मजदूर का दर्जा और मासिक वेतन। – आशा और मिड डे मील कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति और 26 हजार रुपए मासिक वेतन। – ग्रामीण सफाई कर्मचारी और ग्रामीण चौकीदारों को भी 26 हजार रुपए वेतन। – पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली। – अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करना। मजदूरों की स्थिति लगातार खराब कार्यक्रम का संचालन सीटू नेता कुलदीप और साधुराम रुपाणा ने किया। सीटू के राज्य उपाध्यक्ष कामरेड सुखबीर और इंटेक्स के उपाध्यक्ष कृष्ण ने कहा कि मजदूरों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। रोजगार में कमी और बढ़ती महंगाई ने मजदूरों के सामने संकट पैदा कर दिया है। प्रदर्शन में ये रहे शामिल कार्यक्रम में टीचर संघ के राज्य अध्यक्ष मास्टर प्रभु सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष मास्टर राजेश कुमार, किसान सभा से दयानंद पूनिया, आशा वर्कर यूनियन से पुष्पा, मिड डे मील यूनियन से विमला, ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन से प्रकाश रुपाणा और ग्रामीण चौकीदार यूनियन से राजेंद्र ने भी संबोधन किया।
सिवानी में केंद्रीय ट्रेड यूनियन की हड़ताल:मनरेगा मजदूरों समेत आशा वर्कर शामिल, टीचरों की वेतन वृद्धि की मांग
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