सीएम के एक्शन के बाद अमृतसर जेल में सर्च ऑपरेशन:11 की-पैड मोबाइल, 5 सिम बरामद; 9 कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज

by Carbonmedia
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पंजाब में जेलों की व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान की सख्ती का असर अब मैदान में दिखने लगा है। मुख्यमंत्री द्वारा जेल विभाग के 26 अधिकारियों को निलंबित किए जाने के साथ ही अमृतसर की केंद्रीय जेल फताहपुर में बड़ी कार्रवाई की गई। जेल परिसर में छापेमारी के दौरान 11 मोबाइल फोन, 5 सिम कार्ड और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की गई हैं। यह कार्रवाई प्रिजन एक्ट की धारा 42 व 52-A के तहत की गई। मामले में श्वेतिक सुप्रिंटेंडेंट प्रभदयाल सिंह की रिपोर्ट पर थाना मजीठा रोड में FIR नंबर 192 दिनांक 28-06-2025 दर्ज की गई है। जेल प्रशासन के कहने पर पुलिस ने 9 हवालातियों के खिलाफ कार्रवाई की है- इन 9 विचाराधीन बंदियों की भूमिका की जांच: अमृतसर जेल के दो अधिकारियों पर भी कार्रवाई पंजाब के जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बीते दिन ही जानकारी देते हुए बताया था कि इन 26 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी में लापरवाही के चलते पंजाब सिविल सेवा (सजा और अपील) नियमावली, 1970 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इनमें अमृतसर जेल में तैनात दो अधिकारी बिक्रमजीत सिंह और विजय पाल सिंह भी शामिल हैं। मंत्री ने बताया कि निलंबित किए गए अधिकारियों और कर्मचारियों में इकबाल सिंह बराड़ (सुपरिटेंडेंट, जिला जेल मानसा), मनिंदर पाल चीमा (डिप्टी सुपरिटेंडेंट, सेंट्रल जेल लुधियाना), अनिल भंडारी (डिप्टी सुपरिटेंडेंट, बोरस्टल जेल लुधियाना), संदीप बराड़ (डिप्टी सुपरिटेंडेंट, सेंट्रल जेल लुधियाना), बिक्रमजीत सिंह और विजय पाल सिंह (अमृतसर), यादविंदर सिंह (ए.एस.जे., सेंट्रल जेल फिरोजपुर), इस के अलावा वार्डर हरभुपिंदर सिंह और सिकंदर सिंह (गोइंदवाल साहिब), जतिंदर सिंह, रवि, दीपक राय, किरणजीत सिंह, पृथीपाल सिंह और सतनाम सिंह (कपूरथला), सतनाम सिंह और मनदीप सिंह (होशियारपुर), मनिंदर पाल सिंह (लुधियाना), अनु मलिक, रणधीर सिंह, अरविंद देव सिंह, बलवीर सिंह और सुखप्रीत सिंह (मानसा), सतनाम सिंह (नाभा), गगनदीप सिंह (बठिंडा) और अनमोल वर्मा (पठानकोट) शामिल हैं। मुख्यमंत्री की चेतावनी के बाद दिखी सख्ती बता दें कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जेल विभाग में लापरवाही बरतने पर 26 अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि “जेल को मोबाइल और नशे का केंद्र नहीं बनने दिया जाएगा।” उसी दिशा में यह छापेमारी की गई, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार अब जेल सुधारों को लेकर कड़े कदम उठाने के मूड में है।

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