सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को बताया ‘पलटूराम’, बोले- ‘किसी के दबाव में…’

by Carbonmedia
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Devendra Fadnavis on Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे को ‘पलटूराम’ करार दिया है. हिंदी भाषा पर हो रहे विवाद के बीच सीएम फडणवीस ने कहा कि यह आदेश तब भी आया था जब उद्धव ठाकरे की सरकार थी. 
प्रक्रिया की पूरी टाइमलाइन शेयर करते हुए सीएम फडणवीस ने बताया कि 21 सितंबर 2020 को उद्धव ठाकरे ने एक विशेषज्ञ समिति के गठन की पहल की थी. इसके बाद 16 अक्टूबर 2020 को एक शासन निर्णय (जीआर) जारी किया गया, जिसके तहत डॉ. रघुनाथ माशेलकर की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित हुई.
फिर, 14 सितंबर 2021 को समिति ने उद्धव ठाकरे को 101 पृष्ठों की रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कक्षा 1 से 12 तक अंग्रेज़ी और हिंदी को अनिवार्य दूसरी भाषा बनाने की सिफारिश की गई थी. इसका उद्देश्य छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के लिए तैयार करना था. वहीं, मराठी को उच्च शिक्षा में प्राथमिकता देने की बात कही गई थी.
‘उद्धव ठाकरे ने लागू की थी हिंदी की अनिवार्यता’सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस रिपोर्ट को उद्धव ठाकरे ने तुरंत लागू करने का निर्देश दिया. उस समय संजय राउत भी वहीं मौजूद थे.
सरकार के दो फैसले रद्दअब हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद के बीच सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जनता की मांग को देखते हुए अप्रैल 16 और जून 17, 2025 को जारी दो जीआर रद्द कर कर दिए गए हैं. साथ ही, वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में नई समिति का गठन भी किया गया है. 
सीएम फडणवीस ने आगे कहा, “हम जनता के हित में फैसले लेते हैं, किसी के दबाव में नहीं. हमने हिंदी भाषा संबंधी निर्णय जनभावना के आधार पर रद्द किया.”
यह भी पढ़ें: Maharashtra Politics: राज ठाकरे पर महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ का बड़ा बयान, ‘अभी तक कोई…’

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