सीएम धामी की पहल: उत्तराखंड के 10 सीमावर्ती गांव बनेंगे मॉडल पर्यटक ग्राम, 75 करोड़ मंजूर

by Carbonmedia
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Uttarakhand News: उत्तराखंड में सीमावर्ती गांवों का विकास जल्द शुरू  होने वाला है. इसको लेकर जल्द ही काम शुरू होने जा रहा है. इसके लिए 75 करोड़ का बजट भी सेशन हो चुका है. इस योजना में 10 गांवों को मॉडल पर्यटक ग्राम बनाया जाएगा. योजना का मुख्य उद्देश्य पलायन रोकना है.
दरअसल केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों को विकसित करने की योजना बनाई गई है. भारत चीन सीमा से सटे ऐसे 10 गांवों को मॉडल पर्यटक ग्राम बनाया जाएगा, जिसके लिए 75 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है. वहीं भारत नेपाल सीमा से लगे 40 गांवों के विकास के लिए भी योजना बनाई जा रही है. इन सभी गांवों को विकसित और पर्यटन के लिहाज से विकसित करा जायगा
बदलेगी उत्तराखंड के गांवों की तस्वीर
सीमावर्ती गांवों को जीवंत बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम उत्तराखंड के गांवों की तस्वीर संवारने जा रहा है. इसी कड़ी में चीन सीमा से सटे उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ जिलों के 10 गांवों को मॉडल पर्यटक ग्राम बनाने की तैयारी है. इन गांवों को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा, ताकि ये गांव एक मॉडल के रूप में विकसित हो और बाद में इन जैसे अन्य गांव भी आगे बनाए जाए.
चीन सीमा के 51 गांव
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम-1 के अनुसार चीन सीमा से लगे उत्तराखंड के तीन जिलों के 51 गांव शामिल किए गए है. इनमें मूलभूत सुविधाओं के विस्तार और आजीविका विकास की दृष्टि से विभिन्न कार्य चल रहे हैं. अब इनमें से 10 गांवों को थीम आधारित माडल पर्यटक ग्राम बनाने का खाका तैयार किया जा रहा है.
कुछ समय पहले वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम 2.0 के अनुसार केंद्र ने नेपाल सीमा से सटे उत्तराखंड के 40 गांव सम्मिलित किए थे. इनमें चंपावत के 11, पिथौरागढ़ के 24 व ऊधम सिंह नगर जिले के पांच गांव हैं. मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन और सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा के निर्देशों के क्रम में इन गांवों के विकास का खाका खींचा जा रहा है. इसके लिए नोडल अधिकारी बनाए जा चुके हैं. किस गांव में क्या-क्या काम हो सकते हैं, इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. अब जल्द ही कार्ययोजना तैयार कर जिलाधिकारी इसे शासन को भेजेंगे.
 
ये वो गांव है जो माडल पर्यटक ग्राम बनेंगे
उत्तरकाशी- जादूंग व बगौरी
चमोली- माणा व नीती
पिथौरागढ़- गुंजी, गर्ब्यांग, नपलच्यू, नाभी, राककांग व कुटी
डैशबोर्ड से रखी जाएगी नजर
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल गांवों में चल रहे कार्यों पर नजर रखने को संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी की तैनाती की गई है, जो संबंधित जिलों के सीडीओ के संपर्क में रहेंगे. डैशबोर्ड के माध्यम से भी कार्यों पर नजर रखी जा रही है. हर 10 दिन में कार्यों की समीक्षा होगी.
अनुराधा पाल अपर सचिव एवं राज्य में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की नोडल अधिकारी, ने इस विषय पर बताया कि ये एक ड्रीम प्रोजेक्ट है. वहीं मुख्यमंत्री धामी खुद इस प्रोग्राम को देख रहे है ताकि उत्तराखंड के गांवों की तस्वीर बदले ओर प्रदेश का पलायन रुके ग्रामीणों की किसानों को आय में इजाफा हो.

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