‘सीएम ये सोच रहे हिंदी कैसे लाएं ये नहीं बाहरी लोगों को मराठी कैसे सिखाएं’, भाषा विवाद पर राज ठाकरे

by Carbonmedia
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे भाषा विवाद को लेकर एक बार फिर सीएम देवेंद्र फडणवीस को घेरा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राज्य के मुख्यमंत्री सोच रहे हैं कि हिंदी कैसे लाएं, वे यह नहीं सोच रहे हैं कि बाहर से आने वालों को मराठी कैसे सिखाएं.
राज ठाकरे ने ये भी कहा कि देश के गृह मंत्री कहते हैं कि मैं हिंदी भाषी नहीं, बल्कि गुजराती हूं तो राज ठाकरे जब बोलते हैं तो संकीर्ण सोच वाले कैसे हो सकते हैं?
शेतकरी कामगार पार्टी कार्यक्रम में शामिल हुए थे राज ठाकरे
दरअसल, मनसे प्रमुख शनिवार (2 अगस्त) शेतकरी कामगार पार्टी के पूर्व विधायक जयंत पाटिल द्वारा शेतकरी कामगार पार्टी की वर्षगांठ पर दिए गए निमंत्रण समारोह में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने ये बयान दिया.
इस कार्यक्रम में उनके साथ शिवसेना सांसद संजय राउत भी मौजूद थे. शेतकरी कामगार पार्टी के पूर्व विधायक जयंत पाटिल ने संजय राउत और राज ठाकरे को एक रैली के लिए आमंत्रित किया था.
‘मराठियों की कब्र पर उद्योग नहीं बनने देंगे’
इस बीच, जयंत पाटिल ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने वर्षगांठ के लिए इसलिए बुलाया था क्योंकि हम मराठी के मुद्दे पर एक हैं. इस कार्यक्रम के दौरान राज ठाकरे ने कहा कि वह किसी मराठी व्यक्ति की कब्र पर उद्योग नहीं बनने देंगे, साथ ही उन्होंने जन सुरक्षा अधिनियम पर भी टिप्पणी की.
‘मराठियों के सम्मान के साथ लाना होगा उद्योग’
राज ठाकरे ने कहा, राज्य सरकार सभी जमीनों पर एक कानून लेकर आई है. अगर आप किसी भी प्रोजेक्ट का विरोध करते हैं, तो सरकार आपको गिरफ्तार कर सकती है. अगर आपको उद्योग लाना है, तो आपको उन्हें मराठी लोगों के सम्मान के साथ यहां लाना होगा, वरना आप उन्हें नहीं ला पाएंगे.
‘चुनाव से पहले करा देंगे चुप’
उन्होंने कहा कि सड़कें बनने से पहले, वे (सरकार) वहां जमीनें ले लेंगे और फिर इन सभी उद्योगपतियों से निपटकर चुनाव से ठीक पहले आपको चुप करा देंगे.

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