सीडीएलयू में युवक सुसाइड मामला, एडमिशन के बहाने एंट्री:गर्लफ्रेंड ने शादी से इनकार किया, कैंपस में पीया था जहरीला पदार्थ

by Carbonmedia
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सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी (CDLU) के कैंपस पार्क में युवक द्वारा के सुसाइड की कोशिश मामले में पुलिस आज बयान लेगी। अभी युवक की हालत नाजुक है और उसका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। अभी युवक भी सही से कुछ ज्यादा बोल नहीं रहा है। मंगलवार को भी घटना के बाद पुलिस अस्पताल में पहुंची थी, लेकिन वह कुछ बोल नहीं रहा था। इसलिए पुलिस बयान दर्ज नहीं कर पाई। ऐसे में पुलिस दोबारा बयान लेने के लिए जाएगी। हालांकि, पुलिस ने युवक से संपर्क साधा है, पर अभी स्थिति ठीक न होने की बात कही। जानकारी के अनुसार, इन दिनों एडमिशन का दौर चल रहा है तो आउटसाइड का पता नहीं चल पाता। कई युवक एडमिशन के बहाने अंदर चले जाते हैं। यह युवक भी एडमिशन लेने के बहाने यूनिवर्सिटी में गया था। इसके चलते सिक्योरिटी गार्ड साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन मामले पर संज्ञान लेगी, ताकि आउटसाइडर दोबारा न एंट्री कर सकें। एडमिशन दौर के बाद सख्ती बरती जाएगी। मंगलवार शाम को एक युवक ने जहरीला पदार्थ निगलकर सुसाइड करने की कोशिश की थी। युवक जहरीला पदार्थ निगलने के बाद नजदीकी बैंक और कॉम्पलैक्स के पास जा पहुंचा। वहां युवक लड़खड़ाता दिखा और उल्टियां करने लगा। इसके बाद सिक्योरिटी गार्ड ने उसे देखा और चीफ सिक्योरिटी हिम्मत सिंह एक अन्य गार्ड उसे बाइक पर बैठाकर शहर के निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। वहां उपचार के बाद उसकी हालत खतरे से बाहर है। शादी से इनकार किया तो जहर निगला सिक्योरिटी को पूछताछ में युवक ने बताया कि वह यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए आया था और वह फतेहाबाद के कीर्ति नगर का रहने वाला है। हालांकि, उसने बाद में सिक्योरिटी गार्ड को बताया कि वह गर्लफ्रेंड से मिलने आया था, जो लॉ की स्टूडेंट है। उसने शादी से इनकार किया तो जहर निगल लिया। युवती शादी नहीं करनी चाहती जब सिक्योरिटी चीफ हिम्मत सिंह ने युवक से युवती का फोन नंबर लेकर बात की तो युवती ने भी रिलेशनशिप में होने की बात कबूल की। साथ ही उसने कहा कि युवक उसे बार-बार शादी के लिए दबाव बनाकर ब्लैकमेल कर रहा था, लेकिन वह अभी शादी नहीं करना चाहती। जब उसने फोन पर उससे इनकार कर दिया तो वह जान देने की धमकी दे रहा था। अभी हालत ठीक नहीं बताई हुड्‌डा चौकी प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि अभी युवक की हालत ठीक नहीं बताई गई तो बयान दर्ज नहीं हो पाए। हालत में सुधार के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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