उत्तर प्रदेश में स्कूल मर्जर के आदेश को लेकर विवाद थम नहीं रहा है. विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर हमलावर हैं वहीं सीतापुर में कई बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है. परिजनों को बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाने की चिंता सता रही है. एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है और बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं.
सीतापुर में ही सबसे पहले यूपी सरकार के स्कूल मर्जर के आदेश के खिलाफ सबसे मुखर तौर पर आवाज उठी थी. ये मामला अभी भी कोर्ट में है. 21 अगस्त को इसी पर सुनवाई होनी है. जिसमें स्कूलों को लेकर कोई फैसला आ सकता है.
बच्चों की पढ़ाई पर हो रहा बुरा असर
इस मामले पर सीतापुर बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर स्कूलों को यथास्थिति रखकर इंतजार किया जा रहा है. कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा उसका पालन किया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ अभिभावक भी इस में सुनवाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
सीतापुर के इंडलगंज में रहने वाले अभिभावकों का कहना है कि उन्हें अपने बच्चों को नए स्कूल भेजने का डर सता रहा है. इलाका जंगली है और साल 2017 में यहां जानवरों ने एक बच्चे को नोंचकर भी मार डाला था. उन्होंने कहा कि भले ही उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो लेकिन वो उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करेंगे.
इधर बच्चे स्कूल जाने की बाट जोह रहे हैं. जिन कंधों पर कभी स्कूल बैग हुआ करता था आज वो खाली पड़े हैं. बच्चों का कहना है कि वो स्कूल जाना चाहते हैं ताकि वो आगे पढ़ लिख सके और बढ़ सकें.
स्कूल मर्जर पर सियासत तेज
यूपी में स्कूल मर्जर के फैसले पर सियासत भी जमकर हो रही है. जहां स्कूलों का मर्जर हुआ है वहां सपा नेता पीडीए पाठशाला का आयोजन कर रहे है. सीतापुर की बात करें तो यहां तो सपा की पीडीए पाठशाला में अलग ही पढ़ाई हो रही है.
सपा छात्र सभा के अध्यक्ष शिवम सिंह इन पाठशालाओं में सपाई शिक्षा दे रहे हैं. वो बच्चों को पढ़ा रहे है कि “अ से अनार रोज तुम खाओ और अखिलेश यादव को फिर से लाओ.” इसका वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया. हालांकि बाद में निजी मुचलके पर छोड़ दिया.
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