ग्रेटर नोएडा वेस्ट हाईराइज सोसाइटी में करोड़ों खर्च कर आधुनिक जीवनशैली की उम्मीद लेकर बसे हजारों परिवारों के सामने अब बुनियादी सुविधाओं का संकट खड़ा हो गया है. सुपरटेक इको विलेज-1 सोसाइटी में बिजली कटौती और बेसमेंट जलभराव की समस्या से जूझ रहे करीब 7,000 परिवार अब पानी की किल्लत का भी सामना कर रहे हैं.
गौतरतलब है कि शुक्रवार रात से बाधित रही जलापूर्ति, सोसाइटी के कई टावरों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई. शनिवार सुबह तक हालात जस के तस बने रहे. बिजली कटौती के कारण वॉटर पंप बंद हो गए, जिससे पानी की टंकियां नहीं भर सकीं. इस स्थिति में लोग टैंकरों की लाइन में बाल्टी लेकर खड़े नजर आए, वहीं कुछ को मजबूरी में बाजार से पानी की बोतलें खरीदकर घरेलू जरूरतें पूरी करनी पड़ीं.
टैंकर व्यवस्था भी हुई नाकाफी
निवासी संजय शर्मा और रंजना सूरी भारद्वाज ने बताया कि बारिश के बाद बेसमेंट में जलभराव और बिजली की अनियमितता से पहले ही लोग परेशान हैं. अब पानी की आपूर्ति ठप हो जाने से हालात और बिगड़ गए हैं. बिल्डर द्वारा बुलाए गए टैंकर भी पर्याप्त नहीं थे. प्रबंधन की लापरवाही ने लोगों को मुश्किलों के भंवर में डाल दिया है.
सवालों के घेरे में बिल्डर और व्यवस्थाएं
स्थिति यह हो गई है कि लोग लाइन लगाकर बाल्टियों में पानी भरने को मजबूर हैं. टावरों में रहने वाले बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे खास तौर पर परेशान हैं. कई परिवारों ने बताया कि उन्हें खाना पकाने तक में दिक्कत हो रही है. लोगों का कहना है कि प्रबंधन को पहले से ऐसी आपात स्थिति की तैयारी रखनी चाहिए थी. बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता. सोसाइटी के लोग अब आरडब्ल्यूए और प्राधिकरण से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इस सोसाइटी का यह हाल साफ दर्शाता है कि केवल ऊंची इमारतें और लग्जरी नामों से शहरी जीवन बेहतर नहीं बनता. जब पानी और बिजली जैसी मूलभूत आवश्यकताएं ही समय पर उपलब्ध न हों, तो ऐसे फ्लैट्स और निवेश का औचित्य सवालों के घेरे में आ जाता है. जरूरत है कि प्राधिकरण और बिल्डर प्रबंधन मिलकर इन समस्याओं का स्थायी और त्वरित समाधान करें, ताकि निवासी बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रहें.
सुपरटेक इको विलेज-1 सोसाइटी में गहराया जल संकट, पानी के लिए कतारों में खड़े दिखे लोग
2