मुंबई और ठाणे समेत महाराष्ट्र की सभी महानगरपालिकाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव का रास्ता अब साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (5 अगस्त, 2025) को अपने अहम फैसले में कहा है कि इन चुनावों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू किया जाएगा और नई प्रभाग रचना (वार्ड बंटवारा) के आधार पर ही चुनाव कराए जाएंगे.क्या है मामला?पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव रुके हुए थे, क्योंकि नई प्रभाग रचना और ओबीसी आरक्षण को लेकर कानूनी विवाद चल रहा था. कुछ याचिकाकर्ताओं ने नई वार्ड रचना को कोर्ट में चुनौती दी थी.कोर्ट ने क्या कहा?सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल थे, ने साफ कहा कि सभी नगर निकाय चुनावों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू रहेगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि चुनाव नई प्रभाग रचना के अनुसार ही कराए जाएंगे और नई वार्ड रचना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं.आगे क्या होगा?सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब महाराष्ट्र सरकार को चुनाव आयोग के जरिए चार हफ्तों के भीतर अधिसूचना (Notification) जारी करनी होगी और चार महीनों के भीतर चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी होगी. यह फैसला मुंबई महानगरपालिका (BMC) के 227 वार्डों समेत पूरे महाराष्ट्र के लिए लागू होगा.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है. देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही 6 मई को निर्देश दिया था कि स्थानीय निकाय चुनाव, 2017 के ओबीसी आरक्षण के अनुसार कराए जाएं. इस निर्देश की सोमवार फिर से पुष्टि की गई. अब आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में संपूर्ण ओबीसी आरक्षण लागू होगा.’ देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि 2022 में बनाए गए वार्ड परिसीमन कानून को रद्द कर दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: महाराष्ट्र में अब 27% OBC आरक्षण के साथ होंगे सभी नगर निकाय चुनाव
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