पानीपत जिले के मतलौडा ब्लॉक के गांव बुआना लाखु से एक ऐतिहासिक और दिलचस्प चुनावी मामला सामने आया है। यहां करीब ढाई साल पुराने सरपंच चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई दोबारा मतगणना के बाद पहले हारे हुए उम्मीदवार मोहित कुमार को विजेता घोषित किया गया है। 2 नवंबर 2022 को हुए सरपंच चुनाव में बूथ नंबर-69 पर पीठासीन अधिकारी की गलती से वोटों की गिनती में गड़बड़ी हुई थी। मोहित कुमार के वोट कुलदीप सिंह के खाते में और कुलदीप सिंह के वोट मोहित कुमार के खाते में दर्ज हो गए थे। इस गलती के कारण कुलदीप सिंह को 51 वोटों से विजेता घोषित कर दिया गया था। कोर्ट ने 51 वोटों से विजेता घोषित किया कुलदीप सिंह की जीत को मोहित कुमार ने कोर्ट में चुनौती दी। हालांकि कुलदीप सिंह ने हाईकोर्ट से स्टे आदेश लेकर सरपंच पद की शपथ ले ली थी। जिसके बाद मोहित कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त को सभी EVM मंगवाकर पुनर्गणना का आदेश दिया और 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मोहित कुमार को 51 वोटों से विजेता घोषित किया। पंचायत अधिकारी ने दिया विजेता प्रमाण पत्र गुरुवार को जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने मोहित कुमार को विजेता प्रमाण पत्र सौंपा। यह देश का पहला मामला है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर EVM खोलकर पुनर्गणना की गई और ढाई साल बाद हारे हुए प्रत्याशी को विजेता घोषित किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने बदला ढाई साल पुराना चुनाव नतीजा:पानीपत में पीठासीन अधिकारी की गलती से गड़बड़ी; अब 51 वोटों से जीतकर बने सरपंच
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