Kota Coaching Student Suicide: राजस्थान की ‘कोचिंग फैक्ट्री’ कहे जाने वाला कोटा अब ‘सुसाइड फैक्ट्री’ बन गया है. यहां चिंताजनक बात यह है कि सरकार और प्रशासन की कोशिशों के बावजूद यहां छात्रों के आत्महत्या के मामले रुक नहीं रहे. अब पढ़ाई से परेशान होकर सुसाइड करने वाले छात्रों की लिस्ट में एक और नाम शामिल हो गया है.
कोटा में NEET की तैयारी कर रही छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है. खुदकुशी करने वाली छात्रा जम्मू कश्मीर की रहने वाली थी और महीने भर पहले ही पढ़ाई के लिए कोटा आई थी. रविवार (25 मई) की शाम को एक रिश्तेदार से बात करते हुए उसने अपने कमरे में फांसी लगा ली. हालांकि, सुसाइड के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है.
कमरे में नहीं थी एंटी-हैंगिंग डिवाइस
कश्मीर की छात्रा ने जिस कमरे में सुसाइड किया था, उसमें एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं लगी हुई थी जबकि कोटा प्रशासन ने हर हॉस्टल और कोचिंग सेंटर के लिए यह अनिवार्य किया हुआ था. हाई कोर्ट के लगातार निर्देशों के बावजूद राजस्थान सरकार अब तक स्टूडेंट की सुसाइड की घटनाओं को रोकने के लिए कोई पॉलिसी नहीं बना सकी है.
हाई कोर्ट ने इस पर गहरी नाराजगी भी जताई है. मामला हाई कोर्ट में अब भी पेंडिंग है. सुप्रीम कोर्ट भी कोटा में सुसाइड की घटनाओं को लेकर 3 दिन पहले फिर से चिंता जता चुका है.
सात साल में 100 बच्चों ने दी जान
कोटा में स्टूडेंट सुसाइड के आंकड़े चिंताजनक हैं. यहां पिछले 7 साल में करीब 100 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है. इनमें वही स्टूडेंट शामिल हैं, जिनके मामले पुलिस में रिपोर्ट हुए हैं, जबकि वास्तविक संख्या और भी ज्यादा हो सकती है. मरने वाले छात्रों में से दो तिहाई स्टूडेंट्स एक ही कोचिंग संस्थान में तैयारी कर रहे थे.
सुसाइड केस रोकने के लिए नियम
कोटा पुलिस प्रशासन द्वारा स्टूडेंटस की सुसाइड की घटनाओं को रोकने के लिए बनाए नियम बनाए गए थे. नियमों के अनुसार, इसमें कमरों में एंटी हैंगिंग डिवाइस अनिवार्य की गई थी. हर थाना इलाके में आने वाले कोचिंग सेंटर्स और हॉस्टल में स्टूडेंट हेल्पडेस्क स्थापित की गई है. कोचिंग एरिया में अस्थायी पुलिस चौकी खोली गई है. हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. हालांकि, कोटा में सुसाइड के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं.