‘कांटा लगा’ गर्ल शेफाली जरीवाला की मौत के बाद चल रही जांच में चौंकाने वाली तमाम बातें सामने आ रही हैं. मुंबई पुलिस को उनके घर से ग्लूटाथियोन, विटामिन सी और गैस्ट्रिक से संबंधित दवाएं मिली हैं. जांच में यह भी सामने आया है कि शेफाली बिना डॉक्टर से सलाह लिए इन दवाओं का सेवन कर रही थीं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि सेल्फ मेडिकेशन कितना खतरनाक हो सकता है? जानते हैं कि इस बारे में क्या है डॉक्टरों की राय?
कैसे हुई शेफाली जरीवाला की मौत?
27 जून 2025 की रात शेफाली जरीवाला का अचानक निधन हो गया. शुरुआती जांच में उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई गई. पुलिस के मुताबिक, उस दिन शेफाली के घर में सत्यनारायण पूजा थी, जिसकी वजह से वह पूरे दिन उपवास पर थीं. इसके बावजूद उन्होंने दोपहर के वक्त एंटी-एजिंग इंजेक्शन लिया. रात करीब 10-11 बजे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. उनका शरीर कांपने लगा और वह बेहोश हो गईं. परिवार के सदस्य उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस को उनके घर से कई दवाएं और इंजेक्शन मिले, जिनमें ग्लूटाथियोन, विटामिन सी और एसिडिटी से संबंधित दवाएं शामिल थीं. कुछ सूत्रों का दावा है कि शेफाली ने उस दिन बासी फ्राइड राइस भी खाया था, जिससे फूड पॉइजनिंग की आशंका भी जताई जा रही है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि डॉक्टर से सलाह लिए बिना एंटी-एजिंग और अन्य सप्लीमेंट्स का सेवन करना मौत का मुख्य कारण हो सकता है.
क्या होता है सेल्फ मेडिकेशन?
सेल्फ मेडिकेशन वह प्रक्रिया है, जिसमें कोई भी शख्स डॉक्टर से सलाह लिए बिना दवाएं लेता है. इसमें नॉर्मल हेल्थ प्रॉब्लम जैसे सिरदर्द, बुखार, खांसी या गैस्ट्रिक समस्याओं के लिए दवाएं खरीदना, पुराने पर्चे का बार-बार इस्तेमाल या इंटरनेट और दोस्तों की सलाह से दवाएं लेना शामिल है. भारत में यह प्रक्रिया बेहद कॉमन है, क्योंकि ये दवाएं मेडिकल स्टोर्स पर आसानी से मिल जाती हैं.
कितना खतरनाक होता है सेल्फ मेडिकेशन?
नोएडा स्थित मेट्रो हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. समीर गुप्ता ने बताया कि सेल्फ मेडिकेशन आज की सबसे बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स में से एक है. लोग अक्सर सस्ते और तुरंत इलाज के चक्कर में डॉक्टर से सलाह लिए बिना दवाएं लेते हैं, जिनसे शुरुआत में राहत मिल सकती है, लेकिन लंबे समय में गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. गलत दवाओं का इस्तेमाल किडनी, लिवर और हार्ट पर दबाव डाल सकता है. वहीं, कैलाश अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. अजय शर्मा का कहना है कि एंटी-एजिंग सप्लीमेंट्स जैसे ग्लूटाथियोन और विटामिन सी का अनियंत्रित उपयोग हार्मोनल डिसबैलेंस, हाई ब्लड प्रेशर और गैस्ट्रिक से संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं. व्रत के दौरान ऐसी दवाएं लेना ज्यादा खतरनाक हो सकता है, क्योंकि शरीर पहले से ही कमजोर कंडीशन में होता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
सेल्फ मेडिकेशन की वजह से हुई शेफाली जरीवाला की मौत? जानें खुद से दवाएं लेना कितना खतरनाक
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