भास्कर न्यूज | जालंधर शहीद भगत सिंह चौक के पास खुराना इंटरप्राइजेज में लगी और भी भयानक हो सकती थी अगर बादल न बरसे होते। पंजाब में मानसून की एंट्री हो चुकी है। ऐसे में शहर में सोमवार को बारिश हुई। बारिश होने के कारण मौसम ठंडा हो गया और हवा न चलने से फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को आग बुझाने में मदद मिली। आग की चपेट में आई इमारत की बगल में भी सैनेटरी का ही स्टोर है। यहां भी प्लास्टिक के पाइप व बाकी सामान रखा था, लेकिन इससे बचाव रहा। आग की चपेट में आई दुकान फगवाड़ा गेट की तरफ इलेक्ट्रानिक्स की दुकानों से जुड़ी है। गनीमत है कि वहां आग नहीं पहुंची। प्रताप बाग के सामने तमाम दुकानें प्लास्टिक के सामान व उपकरणों की बिक्री करती हैं। अगर एक से दूसरी इमारत में आग लगती तो और बड़ा नुकसान होता। आग बुझाने के दौरान बिजली बंद रखी गई। रात 1 बजे से लेकर देर शाम तक बिजली चालू नहीं हुई थी। इस कारण घर-दुकानों में पानी का भी संकट रहा। शाम को कुछ देर महिलाओं ने मौके पर पहुंचकर बिजली चालू करने की जिद की। उन्होंने रोष भी जताया लेकिन गंभीर हालात देखकर शांत होकर लौट गईं। ज्यादातर दुकानदार ने मार्केट में अपनी दुकानें नहीं खोली थीं तो वह सारा दिन आग बुझने का इंतजार करते दिखे। आग जब नहीं बुझी तो फायर ब्रिगेड विभाग ने फैसला लिया कि दीवार तोड़कर अंदर घुसा जाए। इसके लिए प्रताप बाग के पास सड़क दोनों ओर से बंद कर दी गई। वाहन के अलावा पैदल जाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया था। लेकिन जब आग रुकी तो सभी ने राहत की सांस ली। इलाके के दुकानदार पोंटी राजपाल ने कहा कि पटाखे की चिंगारी गिरने से आग लगी है। यह शहर के लोगों की नैतिक जिम्मेदारी है समारोह करें, लेकिन आति बाजी नहीं। वातावरण खराबी और दूसरों के लिए खतरा पैदा न करें। घटना बाजारों में तमाम लोगों के लिए भी सबक है कि छतों पर सामान न रखें। -पाली सरीन ने कहा कि मैंने पहली बार इतनी खतरनाक आग देखी। पूरा दिन दुकानदार यहां रहे। हरेक को चिंता थी कि कहीं दूसरी इमारत तक आग न पहुंचे। फायरब्रिगेड के मुलाजिमों ने आज बाजार को बड़े नुकसान से बचाया। रविवार रात एक बजे की कटी बिजली सोमवार रात 8 बजे तक नहीं आई। पूरा इलाका बगैर बिजली के रहा, लेकिन सबको दुकानदार की चिंता थी। -टोनी शारदा ने कहा कि रात के समय से ही पूरा इलाका आग की घटना से परेशान था। पूरी इमारत बर्बाद हुई है। व्यापारी परिवार की दशकों की मेहनत बर्बाद हुई। उनका जीवन दोबारा शुरू होगा। उसी प्रकार जैसे जन्म से कोई जीव अपनी सफलता के लिए रात-दिन मेहनत करता है। आग बुझने के बाद फिर से धधक जाती थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां दुकान के बाहर ही तैनात कर दी गई। हो गई। जब भी आग की लपटें दिखतीं फायर मैन एक्टिव हो जाते। मार्केट के तमाम दुकानदार घटनास्थल पर ही रहे। रात 8:30 बजे जब आग बुझी तो दमकल मुलाजिमों ने राहत की सांस ली। इनमें लीडिंग फायरमैन नरेश कुमार, ड्राइवर ऑपरेटर जतिंदर कुमार, लीडिंग फायरमैन गौरव भारद्वाज, फायरमैन कुलबीर सिंह व आकाशदीप शामिल थे। उन्होंने बताया कि पहले रात को 10 लोगों की टीम पहुंची, फिर दिन में वे लोग पहुंचे। आग बुझा रहे फायरमैन मनिंदर सिंह को आंख और जसकीरत सिंह को पसली के पास चोट आई। उन्हें वापस भेज दिया गया। नरेश कुमार बताते हैं कि प्लास्टिक व तरह-तरह के सामान में आग लगी हुई थी, जिसे बुझाने में घंटों लग गए। फायरब्रिगेड टीम ने राहत की सांस ली कि मानसूनी सीजन में आंधी नहीं चली। इमारत की दीवारों की हीट कम करने और पड़ोस की दुकानों को नुकसान से बचाने के लिए लगातार पानी डाला गया। (दाएं तस्वीर ) आग बुझाने वाले फायर ब्रिगेड के कर्मचारी।
सैनेटरी शॉप में आग:इलाके की बिजली रही बंद, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां देर रात खड़ी रहीं, करोड़ों के नुकसान की आशंका
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