सैलजा बोली, सिरसा-फतेहाबाद में नशा का बुरा हाल:पंजाब सीमा से सटे इलाकों में बेलगाम माफिया, युवाओं को अंधकार में डाल रहे

by Carbonmedia
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प्रदेश में इन दिनों नशा लगभग सभी जिलों में पांव पसारने लगा है। अक्सर कहीं न कहीं नशा तस्कर पकड़ा जा राह है। पंजाब सीमा से सटे सिरसा और फतेहाबाद में नशा का बुरा हाल है। इस पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार पर कटाक्ष कसा है। कुमारी सैलजा ने कहा कि सिरसा ऐसा जिला है, जहां हर माह नशे से कोई न कोई युवा दम तोड़ता है। रोडी क्षेत्र में स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। हाल ही में कुछ युवाओं की नशा करते हुए वीडियो वायरल हुई और मौत के बाद शव बरामद हुए। फतेहाबाद जिला भी नशे की गिरफ्त में हैं। हांसी में नशे की भयावह स्थिति दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार की लापरवाही के चलते नशा माफिया पूरी तरह बेलगाम हो चुका है। जिसके कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा चुकी है। नशे के ज्यादा आदी हो जाने के बाद से चोरी, लूटपाट, मारपीट जैसी घटना लगातार बढ़ती जा रही है। नशा रोकने के लिए सरकार ने कई सेल गठित किए है। इसके बावजूद फिर क्यों शहर-शहर, गांव-गांव नशा बिक रहा है। कॉलेजों के छात्र भी नशे की चुंगल में फंसे मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि पहले तो नशा पंजाब के साथ लगते जिलों तक ही सीमित था, पर आज करीब करीब पूरा प्रदेश ही इसकी गिरफ्त में आ चुका है। शहर में सबसे ज्यादा युवाओं के अंदर स्मैक का नशा फैल रहा है। स्कूल और कॉलेज में पढ़ रहे कई छात्र नशेड़ियों के चंगुल में फंस जाते हैं। इन स्मैकियों में महाविद्यालय के कई छात्र भी शामिल है। पिछले दिनों में दो से तीन युवा नशा से गवां चुके मात्र दो से तीन दिनों में तीन युवाओं की नशे की ओवरडोज से मौत यह दर्शाती है कि प्रदेश में नशा माफिया पूरी तरह बेलगाम हो चुका है। हर मृतक के पास से सिरिंज का मिलना और उनका खुलेआम लावारिस हालत में मिलना न केवल शासन की नाकामी को उजागर करता है, बल्कि यह सरकार की संवेदनहीनता का भी प्रमाण है। नशा माफियों पर कठोर कार्रवाई जरूरी सांसद ने सरकार से अनुरोध किया है कि नशा माफिया पर तत्काल कठोर और निर्णायक कार्रवाई की जाए। नशा वितरण और खपत की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जाए आक्र मृतकों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए, युवाओं को नशे से बचाने के लिए नशामुक्ति और पुनर्वास केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए। इस पर सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।

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