सोते समय गर्दन के नीचे रख लेते हैं खूब सारे तकिए, डॉक्टर से जानिए मोटा या पतला कौन सा तकिया होता है बेस्ट?

by Carbonmedia
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अच्छी नींद काैन नहीं चाहता. बिस्तर पर जाते ही शरीर को आराम देने के लिए गर्दन के नीचे तकिए को लगा लिया जाता है. कई लोग तो एक से अ​धिक तकिए को गर्दन के नीचे लगाते हैं. लेकिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है. आइए जानते हैं कि सोने के दाैरान तकिया किस तरह जरूरी और कैसे तकिए का इस्तेमाल करना चाहिए.
ये हो सकती है दिक्कत 
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो शरीर के लिए सही तकिए का चुनाव जरूरी है. सही तकिया नहीं मिलने से सिर को सहारा नहीं मिल पाता या या सिर नीचे की ओर झुक सकता है. इससे गर्दन में दर्द, चक्कर आना और यहां तक कि ऊपरी अंगों में दर्द और सुन्नता का रिस्क हो सकता है. एक्सपर्ट की मानें तो सर्वाइकल स्पाइन को सीधा बनाए रखने के लिए तकिए का उपयोग करना महत्वपूर्ण है.
कैसे तकिए करें यूज?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो खराब फिटिंग वाले या मोटे तकिए गर्दन और रीढ़ की हड्डी में दिक्कत की वजह बन सकते हैं. साथ ही इनमें धूल के कण, एलर्जी या यहां तक कि फफूंद भी जमा हो सकता है. इससे एलर्जी, अस्थमा या सांस संबंधी समस्याओं का रिस्क बढ़ सकता है. इससे बचने के लिए एक ऐसे तकिए का सिलेक्शन जरूरी है जो शरीर की प्राकृतिक आकृति के अनुरूप गर्दन और रीढ़ को उचित सहारा दे. मेमोरी फोम, लेटेक्स और फेदर तकिए लोकप्रिय विकल्प हैं, जो शरीर की तरह तरह की समस्‍याओं को देखते हुए पूरा करते हैं. खरीदने से पहले तकिए के कम्‍फर्ट का परीक्षण करना आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बाॅडी के अनुसार उपयुक्त है.
बिना तकिए के सो सकते हैं ये लोग
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो तकिए के बिना सोने से रीढ़ की हड्डी का एलाइनमेंट सही रहता है. यानी रीढ़ की हड्डी नैचुरली रूप से सीधी रहती है. इस तरह सोना उनके लिए अच्छा है, जो पेट के बल सोते हैं. जब गर्दन के नीचे मोटा तकिया लगा लेते हैं तो रीढ़ की हड्डी पर तनाव आ जाता है. इससे गर्दन में दर्द के साथ अन्य दिक्कतें हो सकती है. इसलिए बिना तकिए के सोते हैं, तो इससे गर्दन और पीठ के दर्द में कमी हो सकती है. तकिया हटाने से गर्दन पर दबाव कम हो सकता है और तनाव में राहत मिल सकती है.
तकिया न लगाने से नुकसान
तकिए के बिना सोने के कुछ नुकसान भी हैं. अगर शरीर को तिरछा कर सोते हैं और तकिया नहीं लगाते हैं तो दिक्कत हो सकती है. खिंचाव महसूस हो सकता है. असल में सिर को रीढ़ के साथ एलाइन रखने के लिए सपोर्ट की जरूरत होती है. सपोर्ट की कमी से गर्दन और कंधों में जकड़न या दर्द हो सकता है. इसके कारण व्यक्ति को कंधे और गर्दन में तेज दर्द के साथ उठना पड़ सकता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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