सोना कॉम्स्टार की पूर्व चेयरपर्सन बोलीं- विरासत हड़पने की कोशिश:बेटे की मौत के बाद जबरन डॉक्यूमेंट्स साइन करवाए गए; कंपनी में इनकी 28% फीसदी हिस्सेदारी

by Carbonmedia
()

ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली गुरुग्राम बेस्ड कंपनी सोना कॉम्स्टार में पारिवारिक विवाद अब कोर्ट तक पहुंच सकता है। कंपनी के पूर्व चेयरमैन संजय कपूर का दिल का दौरा पड़ने से UK में मृत्यु हो गई। इसके बाद 24 जुलाई को उनकी मां और कंपनी की पूर्व चेयरपर्सन रानी कपूर ने मार्केट रेगुलेटर सेबी को चिट्ठी लिखकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बेटे की मृत्यु के बाद जब वो सदमे में थी तब उनसे कई डॉक्यूमेंट्स पर जबरदस्ती साइन करवाए गए। रानी ने कहा कि कुछ लोग कपूर परिवार की विरासत हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। रानी ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी को भी कंपनी के बोर्ड में या सोना ग्रुप की किसी कंपनी में अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने पर सहमति नहीं दी है। क्या है पूरा मामला? संजय के पिता ने शुरू की थी कंपनी कंपनी उनके पिता सुरिंदर कपूर ने शुरू की थी, जिसकी मौजूदा वैल्यूएशन करीब 30 हजार करोड़ रुपए है। कपूर परिवार के पास औरियस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के जरिए सोना कॉम्स्टार में 28.02% (करीब 8,400 करोड़ रुपए) हिस्सेदारी है। रानी कपूर का दावा- मैं सबसे बड़ी शेयरहोल्डर रानी कपूर का दावा है कि उनके पति सुरिंदर कपूर ने 2015 में एक वसीयत बनाई थी, जिसके आधार पर वह सोना ग्रुप की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर हैं। लेकिन शुक्रवार (25 जुलाई) को हुई AGM में संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव कपूर को 99.4% वोटों के साथ नॉन एग्जीक्युटिव डायरेक्टर नियुक्त किया गया। इसपर रानी कपूर ने सेबी को लेटर लिखकर कहा कि कंपनी में गैर-कानूनी गतिविधियां हो रही हैं और बोर्ड में नियुक्तियां उनकी जानकारी या सहमति के बिना की जा रही हैं। कंपनी ने कहा- रानी 2019 से शेयरहोल्डर नहीं रानी कपूर ने कंपनी की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) टालने की मांग की थी, लेकिन कंपनी ने उनकी मांग ठुकरा दी। कंपनी ने कहा कि रानी कपूर 2019 से कंपनी की शेयरहोल्डर नहीं हैं, इसलिए उनकी मांग मानने का सवाल ही नहीं उठता। कंपनी ने कहा, मई 2019 में कंपनी को एक घोषणा मिली थी, जिसमें संजय कपूर को RK फैमिली ट्रस्ट का एकमात्र लाभकारी मालिक बताया गया था, जो औरियस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड का प्रमुख शेयरहोल्डर है। रानी से कोई डॉक्यूमेंट साइन नहीं कराया गया सोना कॉम्स्टार ने कहा कि AGM पूरी तरह से कानून और रेगुलेटरी टाइमलाइन के हिसाब से हुई। कंपनी ने रानी कपूर के दबाव में दस्तावेज हस्ताक्षर करने के आरोप को खारिज किया और कहा कि संजय कपूर की मृत्यु के बाद रानी से कोई डॉक्यूमेंट साइन नहीं करवाया गया। प्रिया सचदेव कपूर की नियुक्ति पर कंपनी ने कहा कि औरियस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नोमिनेशन के आधार पर कंपनी का नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया है। अब आगे क्या? यह पारिवारिक और कॉरपोरेट विवाद अब कोर्ट में पहुंचने की कगार पर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रानी कपूर अगले हफ्ते हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकती हैं, जिसमें वह खुद को कंपनी की शेयरहोल्डर घोषित करने और AGM में वोटिंग से रोकने का मुद्दा उठाएंगी। इसके अलावा, वह नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में कंपनी में मिसमैनेजमेंट और हैरेसमेंट का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कर सकती हैं। हालांकि, रानी कपूर के वकील वैभव गग्गर ने अभी कानूनी कार्रवाई शुरू करने से इनकार किया है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment