सोनीपत आग में जलने से 14 वर्षीय बच्चे की मौत:झूलसी मौसेरी बहन भी हॉस्पिटल में एडमिट; 45 कमरों में फायर सुरक्षा के नहीं इंतजाम

by Carbonmedia
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सोनीपत के कुंडली के प्याऊ मनियारी की एक कॉलोनी में देर शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां एक कमरे में अचानक आग लगने से 14 वर्षीय किशोर सूरज की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी 13 वर्षीय मौसेरी बहन पूजा गंभीर रूप से झुलस गई। आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी बताई जा रही है। हादसे के समय बच्चों के माता-पिता काम पर गए हुए थे और चारों बच्चे घर पर अकेले थे। घटना ने प्रवासी मजदूरों की असुरक्षित रहन-सहन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे में जान गंवाने वाला किशोर सूरज बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला था। उसके पिता सितेंद्र पत्नी सीता देवी और तीन बच्चों के साथ लंबे समय से सोनीपत के कुंडली क्षेत्र की हर्षवर्धन कॉलोनी में रह रहे थे। सितेंद्र और उसकी पत्नी दोनों ही पास की एक प्राइवेट कंपनी में मजदूरी का काम करते हैं। वे रोज की तरह मंगलवार को भी सुबह काम पर चले गए थे। घर पर सूरज और उसकी दो बहनें अकेली थीं। उसी दिन रिश्तेदार उमेश की 13 वर्षीय बेटी पूजा भी वहां आई हुई थी और बच्चों के साथ खेल रही थी। अचानक कमरे में लगी आग, चारों बच्चे फंस गए रिश्तेदार उमेश के अनुसार उसकी बेटी पूजा भी मौसा सितेंद्र के कमरे पर खेल रही थी। देर शाम अचानक कमरे में शॉर्ट सर्किट हुआ और कमरे में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने तेजी से पूरे कमरे को अपनी चपेट में ले लिया। चारों बच्चे उस समय कमरे में मौजूद थे और अचानक फैली आग से घबरा गए। सूरज की दोनों बहनें तो किसी तरह दौड़कर बाहर निकल आईं, लेकिन सूरज और पूजा अंदर के कमरे में फंस गए। सूरज को नहीं बचाया जा सका जैसे ही कमरे से धुआं उठता देखा गया, आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और आग बुझाने की कोशिश की। किसी तरह बच्चों को कमरे से बाहर निकाला गया। लेकिन तब तक सूरज की जान जा चुकी थी। पूजा 70 फीसदी तक झुलस चुकी थी। तुरंत उसे नरेला के सत्यवादी राजा हरिशचंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं सूरज के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। 45 कमरों वाली बिल्डिंग में सेफ्टी के नाम पर कुछ नहीं पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जिस बिल्डिंग में यह दर्दनाक हादसा हुआ, उसमें करीब 45 कमरे हैं जो प्रवासी मजदूरों को किराए पर दिए गए हैं। हादसा फर्स्ट फ्लोर पर बने कमरे में हुआ, जहां बिजली के वायर की हालत बेहद खराब थी। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है, हालांकि पुलिस ने अभी जांच जारी रखने की बात कही है। कुंडली थाना प्रभारी सेठी मलिक ने कहा कि घटनास्थल की फोरेंसिक टीम से जांच करवाई जाएगी और लापरवाही की पुष्टि होने पर कार्रवाई की जाएगी। किराए के लालच में बिल्डिंग मालिकों की घोर लापरवाही कुंडली, राई और नाथूपुर जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों के चलते यहां हजारों प्रवासी मजदूर काम करते हैं। ये मजदूर अपने छोटे बच्चों के साथ पास ही के क्षेत्रों में किराए पर रहते हैं। लेकिन इन इलाकों में बिना किसी सुरक्षा मानक के बहुत ही खराब हालत वाले कमरों को किराए पर दे दिया जाता है। मकान मालिक फायर सेफ्टी, इमरजेंसी एग्जिट या बिजली की सुरक्षित वायरिंग जैसी बुनियादी जरूरतों की भी अनदेखी करते हैं। यह हादसा भी इसी तरह की लापरवाही का परिणाम है, जिसने एक मासूम की जान ले ली और एक बच्ची को जिंदगी और मौत के बीच पहुंचा दिया। काम पर गए माता-पिता जब सूरज के माता-पिता काम से लौटे और उन्हें इस दर्दनाक हादसे की जानकारी मिली तो वे बेसुध हो गए। मां सीता देवी और पिता सितेंद्र अपने बेटे की लाश देखकर फूट-फूटकर रोने लगे। वहीं, पूजा के माता-पिता अस्पताल में उसकी हालत को लेकर चिंतित नजर आए। मोहल्ले में मातम पसरा हुआ है। प्रशासनिक लापरवाही और प्रवासी मजदूरों की बेबसी उजागर यह हादसा सोनीपत में प्रवासी मजदूरों की रहन-सहन, सुरक्षा उपायों और प्रशासनिक निगरानी की कमी को उजागर करता है। बिना किसी सुरक्षा इंतजामों के बनाए गए किराए के कमरों में हजारों मजदूर अपने परिवारों के साथ रहते हैं। फायर ब्रिगेड या प्रशासन की तरफ से इन जगहों पर शायद ही कभी कोई निरीक्षण किया जाता है। नतीजा ऐसी दर्दनाक घटनाएं जिनमें मासूम जानें चली जाती हैं।

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