सोनीपत नगर निगम में भ्रष्टाचार का आरोपित हरिओम क्लर्क लंबे समय से फरार चल रहा है और नगर निगम की जांच में शामिल नहीं हो रहा है। प्रॉपर्टी आईडी ठीक करने के नाम पर 15 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में क्लर्क के खिलाफ जांच चल रही है। तीन बार नोटिस भेजने के बाद अब आरोपी क्लर्क हरिओम को नगर निगम में पेश होने के लिए कहा गया है। विभाग द्वारा हरिओम की रिश्वत वाली वीडियो उसके पास भेजी गई है। रिश्वत लेने का वीडियो नहीं मिलने का दिया था बहाना
आरोपित क्लर्क हरिओम ने तीन नोटिस मिलने के बाद अब नगर निगम को जवाब देते हुए कहा है कि उसे रिश्वत मामले की वीडियो नहीं मिली है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, वीडियो को मेल करने की कोशिश की गई थी, लेकिन फाइल का साइज बड़ा होने की वजह से यह संभव नहीं हो पाया। इसके बाद वीडियो हरिओम को वॉट्सऐप के माध्यम से भेज दी गई है। बार-बार नोटिस के बावजूद नहीं हुआ था पेश नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि आरोपी क्लर्क हरिओम को पहले तीन बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन वह बार-बार बहाना बनाकर पेश नहीं हुआ। इससे जांच प्रक्रिया में बाधा आ रही थी। अब जब उसे वीडियो उपलब्ध करा दी गई है, तो अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि उसे हर हाल में पेश होना होगा। आज नगर निगम में पेश होना अनिवार्य नगर निगम द्वारा हरिओम को आज पेश होने के लिए निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि यदि वह आज भी गैरमौजूद रहता है, तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी। पहले ही नगर निगम कमिश्नर द्वारा यह कहा जा चुका है कि आरोपी को सस्पेंड किया जाएगा। रिश्वतखोर हरिओम क्लर्क के रिश्वत लेने का पूरा मामला जानिए… नगर निगम सोनीपत में डिप्टी मेयर के कार्यालय में कार्यरत रिश्वतखोर क्लर्क हरिओम ने प्रॉपर्टी आईडी ठीक करवाने के नाम पर ₹15 हजार की रिश्वत ली थी। मामला नगर निगम कमिश्नर के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने तुरंत प्रभाव से जांच जॉइंट कमिश्नर मीतू धनखड़ को सौंप दी थी और 3 दिन भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। लेकिन जैसे ही जांच का पता रिश्वतखोर क्लर्क हरिओम को लगी तो वह बिना बताए फरार हो गया।
आरोपी क्लर्क हरिओम फरार: जॉइंट कमिश्नर का कहना कि वीडियो सामने आने के दिन से ही आरोपित क्लर्क हरिओम फरार है। उसने न तो डिप्टी मेयर को छुट्टी के लिए आवेदन दिया है और न ही लेखा शाखा में किसी प्रकार की सूचना दी है। बिना किसी पूर्व सूचना के वह कार्यालय से लगातार गैरहाजिर है, जिससे जांच में उसका पक्ष ही शामिल नहीं हो पा रहा। आरोपित 13 जून से लगातार निगम से गायब चल रहा है। 3 पॉइंट्स में जानिए क्लर्क ने कैसे ली रिश्वत… यहां जानिए क्या कहता है नगर निगम का नियम… निगम ने बना रखी हेल्प डेस्क, फ्री होता है काम सोनीपत नगर निगम में प्रॉपर्टी आईडी में किसी प्रकार की कोई समस्या या परेशानी आती है तो उसको ठीक करने के लिए ऑनलाइन ऑब्जेक्शन लगवाने होते हैं। इसके लिए निगम में हेल्प डेस्क बनाई गई है, जहां सारे काम फ्री होते हैं। प्रॉपर्टी आईडी में अलग-अलग प्रकार के विकार को ठीक कराने को लेकर प्रशासन की ओर से 2 दिन से लेकर 15 दिन के भीतर ठीक होने का नियम बनाया गया है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया रहती है। इस पर अधिकारियों की भी निगरानी रहती है। इस तरह किया जाता है परेशान लोगों की प्रॉपर्टी आईडी पर बार-बार अलग-अलग कारण बताकर रिजेक्ट किया जाता है। यह इसलिए किया जाता है, क्योंकि व्यक्ति अपना काम का छोड़कर निगम के जब चक्कर काटेगा तो परेशान होगा। परेशान व्यक्ति पैसे देकर अपना काम करवाने के लिए मजबूर होगा। सोनीपत के सेक्टर-7 से आए हुए सतीश ने बताया कि नगर निगम में दलाल सक्रिय रहते हैं। इतना ही नगर निगम के सरल केंद्र में दलाल मौजूद रहते हैं।
सोनीपत निगम रिश्वतखोर क्लर्क जांच में नहीं हो रहा शामिल:11 दिन पहले दिया था नोटिस; क्लर्क ने कहा वीडियो नहीं मिला, अधिकारी ने भेजा
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