सोनीपत ने स्वामित्व योजना में मारी बाजी:टारगेट पूरा करने में प्रदेश में नंबर वन पर; 1000 से ज्यादा प्रॉपर्टी मालिकाना हक प्रमाण पत्र जारी

by Carbonmedia
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हरियाणा सरकार की स्वामित्व योजना के तहत लाल डोरे की प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक देने की प्रक्रिया तेजी से जारी है। मालिकाना हक देने के मामले में अभी तक मिले टारगेट के अनुसार सोनीपत पूरे प्रदेश में पहले नंबर पर आया है। इस योजना का मकसद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनकी जमीन और मकानों का आधिकारिक मालिकाना हक देना है। सोनीपत नगर निगम इस दिशा में प्रदेश में सबसे आगे चल रहा है, जहां अब तक 1000 से ज्यादा प्रॉपर्टी स्वामित्व प्रमाण पत्र वितरित किए जा चुके हैं। नगर निगम कमिश्नर के अनुसार, पिछले महीने जो टारगेट तय किए गए थे, उन्हें समय रहते पूरा कर लिया गया है। इस उपलब्धि के चलते स्वामित्व प्रमाण पत्र वितरण में सोनीपत पूरे हरियाणा में पहले स्थान पर है। पांच अर्बन बॉडीज में चल रही प्रक्रिया स्वामित्व योजना के तहत सोनीपत की पांच शहरी स्थानीय संस्थाओं सोनीपत, गन्नौर, खरखौदा, गोहाना और कुंडली में प्रॉपर्टी मालिकों को मालिकाना हक दिए जा रहे हैं। इस अभियान में जोनल टैक्स ऑफिसर, पार्षद, पटवारी और अन्य निगम कर्मचारी जुटे हुए हैं।​​​​​​ आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज लाल डोरे की प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक पाने के लिए अब कुछ दस्तावेज अनिवार्य कर दिए गए हैं। आवेदन के साथ 10 साल पुराना बिजली या पानी का बिल जरूरी होगा। अगर किसी ने लाल डोरे की प्रॉपर्टी खरीदी है, तो राजस्व अधिकारी द्वारा सत्यापित एग्रीमेंट जरूरी होगा। वर्तमान निवासी के नाम पर यदि 5 साल पुराना मीटर है और पुराने मालिक के नाम पर 10 साल पुराना मीटर है, तब भी फॉर्म स्वीकार किया जाएगा। अगर लाल डोरे की प्रॉपर्टी खाली प्लॉट के रूप में है, तो भी व्यक्ति निगम के पास आवेदन कर सकता है। रिकॉर्ड जांच के बाद समाधान किया जाएगा और उचित मालिकाना हक दिया जाएगा। 10 साल से रह रहे लोगों को मिलेगी प्राथमिकता जिन लोग को लाल डोरे या आबादी देह क्षेत्र में 10 साल से अधिक समय हो गया है, उन्हें मालिकाना हक देने में प्राथमिकता दी जा रही है। दस्तावेज के तौर पर 10 साल पुराना बिजली बिल, नगर परिषद या निगम का बिल, कब्जे का प्रमाण और एफिडेविट लिया जाता है। नगर निगम कमिश्नर का बयान नगर निगम कमिश्नर हर्षित कुमार का कहना है कि इस योजना के तहत आवेदन करने या प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया निशुल्क है। अगर कोई डिमांड करता है तो निगम में आकर शिकायत कर सकता है।

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