सोनीपत में आज किसानों की महापंचायत:मिनी सचिवालय पर किसान धरना देंगे; सुबह 10 बजे छोटूराम धर्मशाला में बैठक, मांगों को पूरा करवाने के लिए प्रोटेस्ट

by Carbonmedia
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भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धपुर) ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 18 तारीख को सोनीपत में महापंचायत का आयोजन किया है। किसान सुबह 10 बजे छोटू राम धर्मशाला में इकट्ठा होंगे और वहां से मिनी सचिवालय तक मार्च करेंगे। उनकी मुख्य मांगों में सोनीपत शुगर मिल का संचालन, फसल का मुआवजा, भूमि अधिग्रहण और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का समाधान शामिल है। किसान नेता अभिमन्यु कुहाड़ ने कहा कि सोनीपत शुगर मिल के लिए अभी तक टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है और न ही मिल की साफ-सफाई और रखरखाव का काम पूरा हुआ है। मिल को 5 नवंबर से शुरू करने की तारीख तय की गई थी, लेकिन अभी तक कोई तैयारी दिखाई नहीं दे रही। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को तीन बार अल्टीमेटम दिया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बिजली की हाई-टेंशन तारों के मुआवजे का मुद्दा
​यूनियन ने खेतों से गुजरने वाली हाई-टेंशन तारों के लिए मुआवजे की मांग की है। किसान नेता का कहना है कि खंभे के चारों ओर की जमीन के लिए किसानों को कलेक्टर रेट का 200% मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने हरियाणा और दिल्ली के बीच मुआवजे में हो रहे भेदभाव पर भी सवाल उठाया। हरियाणा में खंभे के क्षेत्र के लिए 30% और दिल्ली में 60% मुआवजा दिया जा रहा है, जिसे उन्होंने अनुचित बताया। इसके अलावा, सोनीपत के कई गांवों में खंभे लगाए जा चुके हैं, लेकिन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है।
​आईएमटी खरखौदा के लिए भूमि अधिग्रहण
​खरखौदा में आईएमटी एक्सटेंशन के लिए 5800 एकड़ भूमि अधिग्रहण की चर्चा चल रही है। यूनियन ने मांग की है कि किसानों की सहमति के बिना उनकी जमीन का अधिग्रहण न किया जाए। यदि किसान सहमति देते भी हैं, तो उन्हें उनकी जमीन का मुआवजा मार्केट रेट के अनुसार मिलना चाहिए। ​फसलों का नुकसान और मुआवजे की मांग
​हाल ही में हुई बारिश के कारण जिले में फसलों को भारी नुकसान हुआ है, खासकर कपास और बाजरे की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। किसानों ने तुरंत गिरदावरी (फसल के नुकसान का आकलन) करने और प्रति एकड़ 50 हजार रुपए का उचित मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को “पोर्टल-पोर्टल” खेलने के बजाय तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। ​खाद की कमी, भ्रष्टाचार और स्मार्ट मीटर
​किसान नेता ने खाद की कमी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि नवंबर में गेहूं की बुवाई के समय किसानों को खाद की जरूरत होती है, लेकिन अक्सर इसकी कमी हो जाती है। इसके अलावा, उन्होंने तहसील में फैले भ्रष्टाचार पर भी चिंता जताई और प्रशासन से इस पर लगाम लगाने की मांग की। आखिर में, उन्होंने घरों में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों पर भी सवाल उठाए और इन्हें लगाने की प्रक्रिया को बंद करने की मांग की है।

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