हरियाणा के सोनीपत में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम द्वारा शुक्रवार को रिश्वत लेते डीसी के पीए को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी शशांक को 2 दिन के रिमांड के बाद सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 5 जुलाई को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। शिकायतकर्ता के वकील ने दोबारा 3 दिन के रिमांड की डिमांड की थी। कोर्ट ने खारिज कर दिया। सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला…जानिए कब क्या हुआ?
• शुक्रवार को 3 लाख 50 हजार की रिश्वत के साथ गिरफ्तार
• शनिवार को दोपहर बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया।
• कोर्ट ने दो दिन का रिमांड की मंजूरी दी।
• आरोपी शशांक को 2 दिन बाद सोमवार को दोपहर बाद कोर्ट में दोबारा पेश किया ग़या।
• शिकायतकर्ता के वकील ने तीन दिन के रिमांड की दोबारा डिमांड की।
• दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद रिमांड खारिज कर दिया। सोमवार कोर्ट में क्या कार्रवाई रही 2 दिन के रिमांड पूरा होने के बाद सोमवार को दोपहर बाद शशांक को कोर्ट में पेश किया गया दोनों पक्षों की तरफ से काफी बहस हुई और वहीं शिकायतकर्ता जितेंद्र के वकील ने 3 दिन के रिमांड की दोबारा डिमांड की। रिमांड को लेकर उन्होंने कहा कि शशांक के खातों में अलग-अलग पैसा ट्रांसफर हो रखा है। उसकी बैंक स्टेटमेंट में निकल कर सामने आया है। वही कोर्ट के सामने शिकायतकर्ता के वकील ने यह भी कहा कि बहुत सारे लोग भ्रष्टाचार के इस खेल में जुड़े हुए हैं। जिन लोगों ने उनके खातों में अलग-अलग ट्रांजैक्शन की है उनसे भी पूछताछ की जानी है। इस प्रकार अलग-अलग तथ्य शिकायतकर्ता जितेन्द्र की तरफ से वकील ने रखें। लेकिन दोनों पक्ष सुनने के बाद आजाद सिंह की कोर्ट ने जजमेंट में रिमांड को खारिज कर दिया और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। एडवोकेट अनूप सिंह का बयान
शिकायतकर्ता जितेंद्र के एडवोकेट अनूप सिंह का कहना है कि पुलिस ने 3 दिन के रिमांड की डिमांड की थी। लेकिन कोर्ट ने कहा है कि जब जांच के दौरान कोई आवश्यकता होगी, तो कोर्ट में दोबारा एप्लिकेशन लगाकर उसे दोबारा रिमांड की डिमांड की जा सकती है।
उन्होंने कहा है कि शशांक पर भ्रष्टाचार के आरोप है और भ्रष्टाचार का मुख्य अड्डा डीसी ऑफिस बना रखा है। उन्होंने कहा है कि रिश्वत लेने का मुख्य सूत्रधार शशांक रहा है।
उन्होंने कहा है कि शशांक के खातों से साल 2019 से लेकर 2025 तक करीबन 75 लाख रुपए ट्रांजैक्शन हो रखी है। जांच अभी बाकी है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी लिखा गया है। अनूप सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के तहत रिश्वत लेने के कई आरोपी हैं और उसमें मुख्य रूप से सोनीपत का तत्कालीन जिला उपायुक्त डॉ मनोज कुमार है। आय से अधिक संपत्ति की भी जांच होना बाकी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि शशांक ने अपनी पत्नी को चार लाख से ज्यादा अमाउंट का एक नेकलेस गिफ्ट किया हुआ है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि अगर कोई भी सरकारी एम्पलाइज 20 हजार रु से ज्यादा की कोई खरीददारी करता है तो उसके लिए अपने विभाग से परमिशन लेनी पड़ती है। जिसका कोई भी प्रमाण अभी तक नहीं मिला है। आरोपी शशांक के वकील का बयान
एडवोकेट संदीप शर्मा उर्फ स्वीटी का कहना है कि विजिलेंस द्वारा 3 दिन के रिमांड की मांग की गई थी, जिसको लेकर उन्होंने हवाला दिया था कि शशांक की काफी ट्रांजैक्शन हो रखी हैं, वह आई टी आर नहीं भरता है। उन्होंने दावा किया कि कोई भी सरकारी कर्मचारी है, कर्मचारी की आईटीआर भरने की जिम्मेदारी उसके विभाग की होती है। उन्होंने यह भी कहा है कि उनके अकाउंट में जितना भी पैसा ट्रांजैक्शन हुआ है, वह एक नंबर का पैसा है। आजाद सिंह की कोर्ट ने पुलिस रिमांड को खारिज कर दिया है। 5 तारीख को स्पेशल कोर्ट में उनकी तारीख होगी। तत्कालीन डीसी को लेकर भी बोले
तत्कालीन डीसी डॉ मनोज कुमार पर लगाए गए आरोप को लेकर एडवोकेट संदीप शर्मा ने कहा कि डीसी मनोज कुमार पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और झूठे हैं। उन्होंने कहा कि जिस टाइम में रिश्वत का आरोप विजिलेंस लगा रही है। उस वक्त सोनीपत के तत्कालीन डीसी अपना चार्ज छोड़ कर जा चुके थे। सोनीपत के नए डीसी ने भी सोमवार को चार्ज संभाला है। यह बिल्कुल भी संभव नहीं है। यह एक साजिश के तहत डीसी के ऊपर आरोप गढ़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि कोर्ट की न्यायपालिका पर भरोसा था और आज फैक्ट के साथ उन्होंने शशांक का पक्ष रखा। जिसको लेकर आजाद सिंह की कोर्ट ने पारदर्शिता के साथ न्याय किया है। क्या था मामला ACB के मुताबिक, DC का सहायक सोनीपत उपायुक्त कार्यालय में तैनात कर्मचारी जितेन्द्र को राई तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क के रूप में ट्रांसफर कराने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था। आरोपी की पहचान शशांक शर्मा के रूप में हुई है। 5 लाख रुपए की डिमांड कर रहा था आरोपी: कार्रवाई पूरी होने के बाद टीम को लीड कर रहे रोहतक एसीबी के DSP सोमबीर ने बताया है कि डीसी ऑफिस में कार्यरत जितेंद्र कुमार ने शिकायत दी थी कि डीसी का पीए शशांक शर्मा राई तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क लगवाने के नाम पर 5 लाख रुपए की डिमांड कर रहा था।
डेढ़ लाख रुपए एडवांस ले चुका था: DSP ने बताया- आरोपी शशांक पीड़ित से डेढ़ लाख रुपए एडवांस ले चुका था। इसके बाद पीड़ित की शिकायत का संज्ञान लिया गया। शिकायतकर्ता को डिमांड की रकम लेकर पीए के पास भेजा गया था। वहां जब शिकायतकर्ता ने रकम पीए के हाथ में दी, उसके थोड़ी देर बाद ही टीम मौके पर पहुंच गई।
आरोपी को रंगेहाथों पकड़ा, कैश बरामद किया: ACB के DSP ने बताया कि शाशांक को रंगेहाथों पकड़ा गया है। जब उसके कैबिन की तलाशी ली गई तो अलमारी से 3 लाख 50 हजार रुपए बरामद किए गए। मौके से शशांक को हिरासत में ले लिया गया था। घर से भी कैश बरामद: अधिकारी ने बताया कि इसके बाद टीम शशांक के अशोक विहार गली नंबर-6 स्थित आवास पर पहुंच गई। टीम ने वहां भी तलाशी ली और पीए के घर से कैश और कुछ आभूषण मिले। कैश करीब 5 लाख 75 हजार रुपए है।
सोनीपत में डीसी का रिश्वतखोर PA कोर्ट में पेश:कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा; 3.50 लाख की रिश्वत ली
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