फसलों को कीट व रोगों से बचाने और किसानों को जैविक समाधान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से फरीदाबाद से टीम सोनीपत पहुंची है।भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत क्षेत्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केन्द्र (Regional Integrated Pest Management Centre – IPM), फरीदाबाद की टीम सोनीपत जिले के पबसरा सहित कई गांवों का दौरा किया।
सर्वेक्षण के दौरान टीम ने मक्का, गन्ना, कपास, धान आदि फसलों की स्थिति का मूल्यांकन करते हुए किसानों से संवाद स्थापित किया और उन्हें कीट प्रबंधन के आधुनिक उपायों की जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिकों ने किया खेतों का निरीक्षण पबसरा सहित अन्य गांवों में क्षेत्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केन्द्र, फरीदाबाद की टीम ने खेतों में जाकर मक्का, कपास, गन्ना, धान जैसी फसलों का निरीक्षण किया। टीम में सोनीपत जिला कृषि विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे। वैज्ञानिकों ने फसलों की वर्तमान स्थिति, कीट प्रभाव और संभावित रोगों के बारे में किसानों से जानकारी प्राप्त की। कीट व रोग नियंत्रण के दिए यांत्रिक व जैविक उपाय सर्वेक्षण के दौरान टीम के क्षेत्रीय हेड एवं उपनिदेशक डॉ. वंदना पांडेय और खंड राई से डॉ. अमरजीत मलिक ने किसानों को कीट नियंत्रण के यांत्रिक और बायो पेस्टीसाइड (जैविक कीटनाशक) उपायों की जानकारी दी। किसानों को बताया गया कि शुरुआती अवस्था में 4 फेरोमोन ट्रैप का प्रयोग अनिवार्य रूप से करें, ताकि कीटों की निगरानी और रोकथाम समय रहते हो सके। किसानों को मिली एनपीएसएस मोबाइल ऐप की जानकारी टीम ने किसानों को ‘एनपीएसएस मोबाइल ऐप’ के उपयोग की जानकारी भी दी। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से किसान अपनी फसलों में लगने वाले कीटों व बीमारियों की पहचान कर सकते हैं और अनावश्यक केमिकल पेस्टीसाइड के उपयोग से बच सकते हैं। यह ऐप किसानों के लिए एक डिजिटल मार्गदर्शक की तरह कार्य करेगा।
सोनीपत में पहुंची कृषि मंत्रालय की IPM फरीदाबाद टीम:कई गांवों में किया फसलों का सर्वे; किसानों को दिए जैविक कीट नियंत्रण के सुझाव
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