सोनीपत में फर्जी डेंटिस्ट पर केस दर्ज:आरोपी सिर्फ 10वीं पास निकला; क्लिनिक सील, जब्त की गई दवाइयां और उपकरण

by Carbonmedia
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सोनीपत के गांव जाखौली में बिना किसी अधिकृत डिग्री और ट्रेनिंग के अवैध रूप से डेंटल क्लिनिक चलाने का मामले पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की है।सोमवार को फ्लाइंग स्क्वाड और हेल्थ विभाग की संयुक्त कार्रवाई में मौके पर एक व्यक्ति को आरसीटी करते हुए पकड़ा गया, जो केवल 10वीं पास है। आरोपी के खिलाफ थाना राई में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। सीएम फ्लाइंग स्क्वॉड और हेल्थ विभाग की संयुक्त रेड फ्लाइंग यूनिट करनाल द्वारा सिविल सर्जन सोनीपत को सूचना दी गई थी कि गांव जाखौली में एक व्यक्ति बिना अधिकृत योग्यता के डेंटल क्लिनिक चला रहा है। इस सूचना के आधार पर 30 जून 2025 को डॉ. अन्नू (डेंटल सर्जन, PHC जाखौली) और इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह की संयुक्त टीम गांव जाखौली स्थित “चौहान डेंटल केयर” क्लिनिक पहुंची। आरोपी इलाज करते पकड़ा गया, मौके पर थे तीन मरीज टीम जाँच करने के लिए क्लिनिक पहुंची और वहां अशोक निवासी बिस्थनपुर जिला सहरसा (बिहार) को डेंटल चेयर पर RCT करते हुए पाया गया। मौके पर तीन मरीज सोनम निवासी पाटला, दक्ष निवासी जाखौली और राधा निवासी जाखौली भी मौजूद थे। केवल 10वीं पास निकला आरोपी, कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका राई के गांव जखौली में रहने वाला अशोक मूल रूप से बिहार का निवासी है, “चौहान डेंटल केयर” के नाम से क्लिनिक चला रहा था। हेल्थ विभाग की जांच में पाया गया कि आरोपी महज 10वीं पास है और उसके पास कोई डिग्री या मेडिकल से जुड़ा डिप्लोमा नहीं है। बावजूद इसके, वह 3 साल से गांव में खुलेआम दांतों का इलाज कर रहा था और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा था। टीम ने पूरी कोशिश की, लेकिन आरोपी कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका। क्लिनिक सील, जब्त की गई दवाइयां और उपकरण टीम ने मौके से दो डेंटल चेयर, दवाइयों और अन्य उपकरणों को जब्त कर लिया और उन्हें आई ओ (Investigating Officer) को सौंप दिया। इसके साथ ही क्लिनिक को भी सील कर दिया गया। डॉ. अन्नू ने पुलिस को एक लिखित शिकायत दी, जिसमें आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।​​​​​​​ बोर्ड पर दर्ज थे चार फर्जी डॉक्टरों के नाम मौके पर जब सीएम फ्लांइग और हेल्थ विभाग की टीम ने छापा मारा तो क्लिनिक के बाहर लगे बोर्ड पर 4 बीडीएस डॉक्टरों के नाम दर्ज मिले। यही नहीं, क्लिनिक में पर्चियों पर भी चार अलग-अलग डॉक्टरों के नाम छपे हुए थे। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी इन नामों का इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित करता था। हेल्थ विभाग अब यह भी जांच कर रहा है कि इन डॉक्टरों की जानकारी और सहमति से नाम का इस्तेमाल हुआ या नहीं। गंदगी और एक्सपायर दवाइयों का अड्डा बना था क्लिनिक हेल्थ विभाग की टीम ने बताया कि क्लिनिक में साफ-सफाई का कोई इंतजाम नहीं था। पुराने, गंदे इंजेक्शन और एक्सपायर दवाइयां वहां पाई गईं। बायोमेडिकल वेस्ट का कोई प्रबंधन नहीं था, जो कि गंभीर हेल्थ जोखिम का कारण बन सकता था। टीम ने बताया कि एक ही सिरिंज किसी दूसरे व्यक्ति को लगाई जाती तो जानलेवा संक्रमण फैल सकता था। कई धाराओं में मामला दर्ज, जांच शुरू थाना राई पुलिस ने डॉ. अन्नू की शिकायत के आधार पर आरोपी अशोक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 125 BNS, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 18(a)(1), 18(c), नेशनल मेडिकल कमिशन एक्ट 2019 की धारा 34 और डेंटिस्ट एक्ट 1948 की धारा 48, 49 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है।

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