स्कूल बसों के ड्राइवर-हेल्पर न तो यूनिफॉर्म में, न ही सीट बेल्ट लगाते और बसों में सीसीटीवी व जीपीएस सिस्टम तक नहीं

by Carbonmedia
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भास्कर न्यूज| लुधियाना सड़कों पर दौड़ रहीं स्कूल बसें और वैनें बच्चों की जिंदगी से खुला खिलवाड़ कर रही हैं। ये न फिटनेस पास हैं, न इंश्योरेंस अपडेट है और न ही टैक्स जमा। कई बसों की नंबर प्लेट तक गायब है। सीट क्षमता से दोगुने बच्चों को भरकर, उन्हें लकड़ी के फट्टों और बोनट पर बिठाकर स्कूल पहुंचाया जा रहा है। ओवरलोडिंग चरम पर है। ड्राइवर-हेल्पर यूनिफॉर्म में नहीं, बस पर नाम-पता तक नहीं लिखा। सुरक्षा के नाम पर सीट बेल्ट, सीसीटीवी, जीपीएस, फर्स्ट एड बॉक्स जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं भी गायब हैं। ट्रैफिक पुलिस और आरटीए दावे तो बड़े-बड़े करते हैं, लेकिन भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट ने जमीनी हकीकत उजागर कर दी। सुबह स्कूल टाइम में भास्कर टीम ने सड़कों का दौरा किया। कई बसें ऐसी दिखीं जिनमें 15 सीटों पर 30 बच्चों को ठूंसा गया। कुछ वैनों में लकड़ी के पट्टे लगाकर बच्चों को बिठाया गया, तो कुछ में बोनट पर बच्चे बैठे थे। एक बस बिना नंबर प्लेट दौड़ रही थी। कई वाहनों के कागजात फर्जी मिले। नियम कहते हैं कि हर स्कूल बस में ड्राइवर-हेल्पर की यूनिफॉर्म, बस पर उनका नाम और मोबाइल नंबर, हर सीट पर बेल्ट, सीसीटीवी और जीपीएस सिस्टम होना चाहिए। बच्चों की सुरक्षा के लिए बस में फर्स्ट एड बॉक्स और इमरजेंसी गेट अनिवार्य है। लेकिन हकीकत यह है कि इनमें से एक भी नियम का पालन नहीं हो रहा। हर स्कूल के बाहर पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, फिर भी ये खस्ताहाल गाड़ियां बच्चों को उठाती-छोड़ती हैं। अधिकारी बोले- समय-समय पर चेकिंग की जाती है आरटीए (रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी) रूपिंदर बावा से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि समय-समय पर चेकिंग होती रहती है। गड़बड़ी मिलने पर गाड़ी बाउंड कर दी जाती है। एडीसीपी ट्रैफिक गुरप्रीत कौर पुरेवॉल ने दावा किया- रोजाना स्कूलों के बाहर सुबह और दोपहर को ट्रैफिक मुलाजिमों की ड्यूटी लगाई जाती है। जिस भी स्कूल बस या वैन के कागज पूरे नहीं होते तो मौके पर ही चालान कर दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान पिछले कई समय से चल रहा है। PB 10 DZ 5437 इंश्योरेंस: 30 नवंबर 2023 को खत्म {फिटनेस: खत्म – 2024 {प्रदूषण (पीयूसी): खत्म – 2024 फिर भी बस बच्चों को रोज स्कूल छोड़ने और लाने का काम कर रही है। ऑटो : नंबर ही वैध नहीं! इस ऑटो में लगा रजिस्ट्रेशन नंबर आरटीओ डेटाबेस में मौजूद ही नहीं है। यानी पूरी तरह से फर्जी नंबर के साथ मासूमों को ढोया जा रहा है। प्रदूषण: खत्म – जून {टैक्स: खत्म – जून फिर भी बिना जांच के यह बस सड़कों पर दौड़ रही है। इंश्योरेंस: खत्म – 24 जुलाई 2023 {फिटनेस: खत्म – 2022 {प्रदूषण: खत्म – 2023 {टैक्स: खत्म – 2022 इस बस की हालत से साफ है कि यह न केवल कागज़ों में फेल है, बल्कि चालकों और बच्चों के लिए जानलेवा हो सकती है।

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