हत्या के आरोप में फंसे एमपी एटीएस जवानों को राहत:ज्यूडिशियल जांच में मिली क्लीनचिट, हरियाणा के होटल से युवक को फेंकने का था आरोप

by Carbonmedia

मप्र एटीएस( एंटी टेरर स्क्वॉड) के टीआई समेत 9 पुलिस जवानों के खिलाफ हरियाणा में इसी साल जनवरी में हत्या का मामला दर्ज हुआ है। अब इस मामले से इन्हें राहत मिलती दिखाई दे रही है। दरअसल, मामले की ज्यूडिशियल जांच में इन्हें क्लीनचिट दे दी गई है। मजिस्ट्रेट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि आरोपी को तीसरी मंजिल से फेंका नहीं गया था, बल्कि वह खुद कूदा था। हरियाणा के सोहना थाने के एसआई और जांच अधिकारी संदीप सिंह ने भास्कर से क्लीनचिट मिलने की पुष्टि की है। बता दें कि इसी साल 7 जनवरी को गुरुग्राम (हरियाणा) के सोहना में एक होटल की तीसरी मंजिल की गैलरी से गिरकर हिमांशु नाम के युवक की मौत हो गई थी। वह बिहार का रहने वाला था। टेरर फंडिंग और साइबर क्राइम के आरोप में एमपी एटीएस ने उसे हिरासत में लिया था। हिमांशु के चाचा की शिकायत पर एटीएस के सभी 9 लोगों पर हत्या समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इस घटना के बाद तत्कालीन एडीजी इंटेलिजेंस योगेश देशमुख ने सभी को सस्पेंड कर दिया था। अब सूत्रों का कहना है कि ज्यूडिशियल जांच में क्लीनचिट मिलने के बाद निलंबन भी खत्म हो गया है। पढ़िए क्या था पूरा मामला और किस आधार पर क्लीनचिट मिली है। क्यों दर्ज हुई थी FIR…5 कारण हिमांशु के परिजनों ने सीधे तौर पर मध्य प्रदेश एटीएस पर हिमांशु की हत्या करने का आरोप जांच कर रहे मजिस्ट्रेट के सामने लगाया था। सोहना पुलिस ने मध्य प्रदेश एटीएस के खिलाफ हत्या सहित धारा 103(1) 115,127,(2)(3)(5) के तहत मामला दर्ज किया। 4 पॉइंट्स में जानिए किस आधार पर मिली क्लीनचिट 1.सह-आरोपियों ने दिया पक्ष में बयान
एटीएस की टीम को क्लीनचिट दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हिमांशु के साथ पूछताछ के लिए लाए गए आरोपियों के बयान रहे। दरअसल, एटीएस ने हिमांशु के साथ 5 और आरोपियों को पकड़ा था। इनसे 14 लैपटॉप, एक टेबलेट, 41 मोबाइल फोन और 85 डेबिट कार्ड बरामद किए थे। इसी को लेकर इन सभी से पूछताछ की जा रही थी। हिमांशु के साथ पकड़े गए युवकों ने अपने बयान में बताया कि हम लोग साथ में थे। हिमांशु बाथरूम जाने का कहकर निकला। बाथरूम और गैलरी का दरवाजा आमने-सामने थे। वह बाहर की तरफ गया, लेकिन बाथरूम न जाकर गैलरी की तरफ चला गया था। 2. भंडारे में साथ खाना खाया, होटल में भी ऑर्डर एटीएस जब पकड़े गए युवकों को पूछताछ के लिए होटल ला रही थी, तब रास्ते में किसी जगह भंडारा चल रहा था। युवकों ने अपने बयान में बताया कि एटीएस की टीम के साथ सभी लोगों ने मिलकर भंडारे की खीर-पूड़ी खाई थी। इसके बाद जब सभी लोगों को होटल लाया गया तो हमारे कुछ साथियों ने कहा कि उन्हें भूख लगी है। एटीएस की टीम ने होटल पहुंचने के बाद भी खाने का ऑर्डर दिया था। जांच टीम ने होटल के रिकॉर्ड और कर्मचारियों से पूछताछ कर इस बयान की पुष्टि की। जो सही पाया गया। 3.शरीर पर चोट नहीं, पेट में मिला भोजन आरोपियों को खाना खिलाने और टीम के अच्छे बर्ताव की बात न केवल बयानों में सामने आई बल्कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी पता चला कि हिमांशु ने मौत से कुछ देर पहले ही खाना खाया था। युवकों ने अपने बयान में जिस समय खाना खाने का जिक्र किया था और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हिमांशु की मौत की जो टाइमिंग बताई गई, वो सही पाई गई। इसके अलावा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हिमांशु के सिर में चोट के निशान थे, लेकिन उसके शरीर पर चोट या मारपीट के कोई निशान नहीं पाए गए। जिससे ये साबित हुआ कि उसे होटल में उसे बयान देने के लिए दबाव नहीं डाला गया। 4. बालकनी से थोड़ी दूर गिरा हिमांशु
हिमांशु के मामले की फॉरेंसिक जांच भी हुई थी। फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने हिमांशु के गैलरी से गिरने के घटनाक्रम का रिक्रिएशन भी कराया था। इस दौरान फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने पाया कि होटल की गैलरी से गिरने के बाद वह पांच फीट दूरी पर गिरा था। यदि उसे कोई धक्का देता तो वह सीधे नीचे गिरता। एक्सपर्ट ने जांच में पाया कि खुद के कूदने की हालत में ही इतनी दूर गिरना संभव था। एटीएस की टीम ने भी मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में बताया था कि 7 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे हिमांशु बाथरूम जाने के बहाने गैलरी में आया और वहां से नीचे से निकले बिजली केबल के सहारे भागने की मंशा से छलांग लगा दी थी। वह केबल नहीं पकड़ पाया और सिर के बल गिर गया। टीम हिमांशु को अस्पताल लेकर पहुंची, पर उसकी मौत हो चुकी थी। सोहना थाने के जांच अधिकारी ने की क्लीनचिट की पुष्टि एमपी एटीएस के नौ जवानों को क्लीनचिट मिलने की पुष्टि सोहना थाने के एसआई और जांच अधिकारी संदीप सिंह ने की है। भास्कर से बातचीत में संदीप सिंह ने बताया- ज्यूडिशियल जांच के दौरान सभी लोगों के बयान दर्ज किए गए थे। इन बयानों के आधार पर क्लीनचिट दी गई है। ये रिपोर्ट हमें सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। 3000 करोड़ की मनी लान्ड्रिंग का मामला एमपी एटीएस ने हिमांशु को 3000 करोड़ की मनी लान्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। दरअसल, एटीएस और साइबर सेल ने सतना और जबलपुर से एक दर्जन से ज्यादा युवकों की गिरफ्तारी की थी। इनसे पूछताछ में ऐसे अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा हुआ था, जो देश भर में साइबर फ्राड के लिए फर्जी खातों को उपलब्ध कराने और ठगी की राशि को हवाला से बाहर भेजने में जुटा था। एमपी एटीएस ने तीन युवकों को गुरुग्राम के सोहना से पकड़ा था। उस समय एटीएस का दावा था कि हिमांशु इन सभी का लीडर था। इसी सिलसिले में सभी से शिव कॉलोनी स्थित होटल में पूछताछ की जा रही थी। सरकारी नौकरी की तैयारी करने नोएडा गया था हिमांशु के पिता रमेश मेहता ने बताया था कि वो छठ पूजा में आखिरी बार घर आया था। 14 नवंबर 2024 को नोएडा में पढ़ाई करने के लिए पहली बार वो बिहार से बाहर गया था। वहां, वो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। इससे पहले वो खगड़िया में रहकर आर्मी की तैयारी करता था। जब वो आर्मी का एग्जाम क्लियर नहीं कर पाया और एज लिमिट खत्म हो गई तो वो दूसरी सरकारी नौकरी की तैयारी करने नोएडा चला गया था। हिमांशु के पिता ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने साजिश के तहत हिमांशु की हत्या की है। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की थी।

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