हमीरपुर में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों का सत्संग:बोले- भजन-सिमरन में एकाग्रता जरूरी, थोड़े-थोड़े समय से काम नहीं बनेगा

by Carbonmedia
()

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर स्थित राधा स्वामी सत्संग घर भोटा में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों और उनके उत्तराधिकारी जसदीप सिंह गिल ने संगत को दर्शन दिए। बाबा रविवार शाम को परौर सत्संग कार्यक्रम के बाद सड़क रोड से पहुंचे। हजारों की संख्या में एकत्र संगत में अनुशासन का अद्भुत नजारा देखने को मिला। इतनी बड़ी भीड़ में पिन ड्रॉप साइलेंस था। बाबा ने सवाल-जवाब सत्र की शुरुआत की। एक साथ अढ़ाई घंटे बैठना जरूरी एक बुजुर्ग महिला के सवाल पर कि क्या अढ़ाई घंटे का भजन-सिमरन छोटे-छोटे अंतराल में किया जा सकता है, बाबा ने कहा कि शुरुआत में थोड़ा-थोड़ा समय ठीक है, लेकिन एक साथ अढ़ाई घंटे बैठना जरूरी है। उन्होंने खाना बनाने का उदाहरण देते हुए समझाया कि जैसे बिखरे समय में खाना नहीं बन सकता, वैसे ही भजन-सिमरन भी एकाग्रता मांगता है। परिवार में सभी रिश्ते महत्वपूर्ण सेवा, सत्संग और सिमरन में क्या महत्वपूर्ण है, इस सवाल पर गुरिंदर सिंह ने कहा कि ये सभी एक-दूसरे से जुड़े हैं। जैसे परिवार में सभी रिश्ते महत्वपूर्ण होते हैं। एक श्रद्धालु के सचखंड ले चलने के आग्रह पर बाबा ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि लोग सोचते हैं कि उनके पास कोई बड़ा जहाज है। अगर अभी चलने को कहें, तो कोई बच्चों की तो कोई मां-बाप की याद में रुक जाएगा। इस बात पर सभी श्रद्धालु हंस पड़े। साल में दो से तीन बार आया करो एक लड़की ने कहा कि बाबा आप भोटा साल में केवल एक बार आते हो, आप साल में दो से तीन बार यहां आया करो, तो बाबा ने कहा कि ऐसी कौन सी जगह है, जहां मैं साल में दो-तीन बार जाता हूं। मकसद सिर्फ कहना मानने का है, इसलिए जो कहा जाता है, उसे मानिए l एक लड़के ने कहा कि मैंने सुना है एक आदमी अढ़ाई घंटे रोज बैठता था और फिर वह रोज 4 घंटे भजन सिमरन में बैठने लगा, एक महीना 12 दिन के बाद अंदर महाराज के दर्शन हुए। क्या मुझे भी आपके दर्शन अंदर हो पाएंगे। बाबा ने कहा कि तू 4 घंटे छोड़ अगर रोज अढ़ाई घंटे बैठकर देख, आपको सब पता चल जाएगा।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment