हरिद्वार से लेकर शिवालयों तक कांवड़ यात्रा की गूंज है, लेकिन अब संत समाज इस पवित्र आस्था की डोरी की शुद्धता को लेकर सजग हो गया है. सवाल है कि जो कांवड़ शिव भक्त कंधों पर लेकर सौ किलोमीटर की यात्रा करते हैं क्या वह कांवड़ वैसी ही पवित्रता से बन रही है जैसी अपेक्षा की जाती है. अब इस पर बहस छिड़ गई है. हिन्दू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रबोधनंद गिरी ने कहा है कि हरिद्वार तीर्थ क्षेत्र में किसी भी प्रकार का गैर हिंदू प्रवेश न करें, यह कानून है. इस कानून का पालन कराना सरकार की जिम्मेदारी है.
उहोंने कहा कि हम तो सरकार को दो-तीन दिन दे भी रहे की सरकार चिंता पूर्वक इस्लाम के जिहादियों का हर की पौड़ी क्षेत्र में प्रवेश न होने दे. यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो हरिद्वार के साधु संतों द्वारा इस काम को किया जाएगा. उहोंने कहा है कि “जो रोजाना मांसाहार करते हैं वह कावड़ को मांसाहार करते हुए बनाएंगे ओर थूक मूत्र जिहाद करेंगे.”
मुसलमानों की एंट्री पर रोक लगाने की मांगउहोंने का कहा कि, “जिहादी कहते है थूकने चीजें पवित्र होती है और सनातन में थूक से अपवित्रता बढ़ती है तो कावड़ की पवित्रता को देखते हुए हम किसी कीमत पर अबकी बार इस्लाम के जिहादियों को कावड़ क्षेत्र तीर्थ क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देंगे. अगर उन्होंने प्रवेश किया तो हरिद्वार की सड़क पर साधु आ सकते हैं जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी. शासन और प्रशासन इस काम को कड़ाई से पालन करें.
11 जुलाई से शुरू हो रही है कांवड़ यात्राआपको बता दें कि, इस बार कांवड़ यात्रा की शुरुआत 11 जुलाई से शुरू हो रही है. कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले कई विवादों ने जन्म ले लिया है. पहले कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले होटल्स और ढाबा मालिकों को अपनी पहचान बताने के लिए नेम प्लेट अनिवार्य किया गया. अब धर्म नगरी हरिद्वार में कांवड़ यात्रा से पहले मुसलमानों की एंट्री पर रोक लगाने की मांग उठी है.
हरिद्वार में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की उठी मांग, कांवड़ निर्माण पर संत समाज की सख्ती
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