हरियाणा उचाना विधानसभा बैलेट पेपर दोबारा गिनती केस:BJP विधायक को नहीं मिली मनमानी डेट; कोर्ट ने कहा, ये सबसे जल्दी सुना जाने वाला केस होगा

by Carbonmedia
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हरियाणा उचाना विधानसभा चुनाव के संबंध में हाईकोर्ट में इलेक्शन पिटिशन पर सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान विधायक देवेंद्र अत्री की और से पेश सीनियर एडवोकेट सत्यपाल जैन ने अगली तारीख 29 अगस्त की मांग की, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद 28 की मांग की गई उसको भी नकार दिया। लास्ट में अगली तारीख 26 अगस्त दी गई है, इसके अतिरिक्त हाईकोर्ट ने सुनवाई की दौरान कहा कि इस केस को रैंक ऑन प्रियॉरटी रखो और आप इसमें बेवजह देरी करने के तरीके अपना रहे हो। इसके पश्चात जस्टिस ने कहा कि ये पीटिशन इतिहास की सबसे जल्दी डिसाइड होने वाली इलेक्शन पिटिशन होगी। जब भी तारीख दी जाए अपना सब कुछ कैंसिल करके यहां आना है और आगे इसको डेली सुना जा सकता है। अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी । खास बात ये है कि ये पीटिशन केवल पोस्टल वोट की दोबारा गिनती के लिए दाखिल की गई है। बृजेंद्र सिंह ने लगाई है याचिका हरियाणा के जींद जिले के उचाना विधानसभा चुनाव हारे कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की पोस्टल बैलेट की गिनती दोबारा से करवाने की याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल की है। इससे पहले एक महीने पहले हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह की संशोधित याचिका की एप्लिकेशन पर फैसला सुरक्षित रखते हुए देवेंद्र अत्री के वकील से जवाब मांगा गया था। देवेंद्र अत्री की तरफ से जवाब आने के बाद याचिका पर नियमित रूप से सुनवाई होगी। जज ने कहा था कि हम इसको डेली सुनेंगे, क्योंकि एक स्वच्छ लोकतंत्र में फैसला सही होना चाहिए और ये बात मैं नहीं, भारत का संविधान कह रहा है। क्या है पूरा मामला उचाना सीट पर भाजपा के देवेंद्र अत्री ने मात्र 32 वोटों से बृजेंद्र सिंह को हराया था। मार्च में बृजेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि जो कैंसिल या रिजेक्ट वोट होते हैं यदि उसका अंतर इलेक्शन की हार-जीत के अंतर से ज्यादा है, तो गिनती खत्म होने के बाद उन सभी कैंसिल वोटों की दोबारा से जांच रिटर्निंग अधिकारी को मौके पर करनी होती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 32 वोटों से जीते थे देवेंद्र अत्री ​​​​​​​उचाना विधानसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र अत्री को 48 हजार 968 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह को 48 हजार 936 वोट मिले थे।इसमें कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह 32 वोटों से हार गए थे। इस चुनाव में 400 के करीब बैलेट पेपर की काउंटिंग की गई थी, तो इनमें से 215 वोट त्रुटियों के कारण रिजेक्ट या कैंसिल हो गए थे। 150 वोट स्कैन नहीं होने के कारण कैंसिल बाद में मार्च में कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बृजेंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा था कि 150 वोट केवल इसलिए कैंसिल किए गए हैं, क्योंकि पोस्टल बैलेट के लिफाफे के ऊपर जो स्कैनर था, उनकी स्कैनिंग नहीं हो पा रही थी, इसलिए वो रिजेक्ट के डिब्बे में डाले गए।बृजेंद्र सिंह ने कहा कि जिन वोटों की स्कैनिंग नहीं होती तो उन लिफाफों को कैसे खोलना है, इसकी भी प्रक्रिया है, जो गिनती के दौरान नहीं की गई। उसी को लेकर उन्होंने कोर्ट में याचिका लगाई है। वोटों की जीत-हार का अंतर मात्र 32 वोटों का है, इसलिए यह काउंटिंग जरूरी थी।

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