हरियाणा की रानी नागर को यूपीएससी से राहत:कंपलसरी रिटायरमेंट का फैसला नहीं माना; ग्रेड कम करने के लिए कहा, 2021 से गैरहाजिर नागर

by Carbonmedia
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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आईएएस रानी नागर को बड़ी राहत दी है। यूपीएससी ने हरियाणा सरकार के नागर के कंपलसरी रिटायर करने का फैसला नहीं माना है। सरकार की ओर से केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को 9 जून 2023 को रानी नागर को कंपलसरी रिटायर करने का प्रस्ताव भेजा था। मंत्रालय ने यूपीएससी को भेज दिया। यूपीएससी ने 30 मई, 2024 को कंपलसरी रिटायरमेंट के फैसले से असहमति जताते हुए दो साल तक ग्रेड कम करने का प्रस्ताव मंत्रालय को भेज दिया। मंत्रालय ने 11 जून, 2024 को यूपीएससी का प्रस्ताव हरियाणा सरकार को भेज दिया। हरियाणा सरकार ने यूपीएससी के फैसले से असहमति जताते हुए कंपलसरी रिटायरमेंट का फैसला 20 जनवरी, 2025 को फिर केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्राल को भेज दिया। मंत्रालय ने 30 जनवरी, 2025 को हरियाणा सरकार को प्रस्ताव लौटाते हुए कहा कि यूपीएससी के प्रस्ताव पर हरियाणा सरकार ने असहमति का विस्तृत कारण नहीं बताया है। साथ में संबंधित अफसर रानी नागर का भी कोई जवाब साथ नहीं है। इसलिए असहमति के विस्तृत कारण और संबंधित अफसर के प्रतिवेदन पर किए गए विचार के साथ प्रस्ताव भेजें। सरकार अब ये कर रही तैयारी मंत्रालय के जवाब के बाद अब हरियाणा सरकार आगे की तैयारी कर रही है। हरियाणा सरकार ने रानी नागर को उनके ईमेल पर, उनके पते पर पंजीकृत डाक से यूपीएससी का प्रस्ताव भेजा है। ये प्रस्ताव 2 अप्रैल, 2025, 14 मई, 2025, 09 जून, 2025 और 24 जून, 2025 को भेजे गए हैं। मंत्रालय के जवाब के बाद अब हरियाणा सरकार केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को इस तथ्य से अवगत कराएगी। ग्राफिक्स में पढ़िए कौन हैं रानी नागर… अब रानी नागर से जुड़े 5 बड़े विवाद पढ़िए 1. अतिरिक्त मुख्य सचिव पर उत्पीड़न के आरोप लगाए रानी नागर जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव थीं। तब उन्‍होंने पशुपालन विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव पर दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। 2. ऑटो ड्राइवर से जान का खतरा बताया रानी नागर एक कैब ड्राइवर पर अभद्रता का आरोप लगाने के कारण सुर्खियों में आ गई थीं। वहीं, सिरसा जिला के डबवाली में SDM के पद पर रहते हुए एक ऑटो ड्राइवर से अपनी जान को खतरा बताया था। उन्‍होंने डीजीपी से इस मामले में शिकायत कर सुरक्षा न मिलने का मुद्दा भी उठाया था। 3. इस्तीफा देकर सबसे ज्यादा चर्चा में आईं 2020 में रानी नागर इस्तीफा देकर चर्चा में आई थीं। इस्तीफे की वजह उन्होंने अपनी सुरक्षा को बताया था। हालांकि, हरियाणा सरकार ने उनका इस्‍तीफा नामंजूर कर दिया था। फिर वह अपने घर यूपी लौट गई थीं। नागर 14 नवंबर 2018 से हरियाणा में सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग में अतिरिक्‍त निदेशक के पद पर तैनात थीं। 7 मार्च 2020 से वह निदेशक अभिलेखागार का जिम्मा संभाल रही थीं। 4. खाने में लोहे की कील परोसने का लगाया आरोप रानी नागर और उनकी बहन रीमा नागर ने 17 अप्रैल 2020 को वीडियो जारी किया था। इसमें कहा था कि अगर उन्हें कुछ हो जाए या वो लापता हो जाएं तो उनके इस वीडियो को बतौर बयान सीजेएम चंडीगढ़ की अदालत में विचाराधीन केस संख्या 3573/2019 में दर्ज कराया जाए। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि चंडीगढ़ के यूटी गेस्ट हाउस में उन्हें खाने में लोहे की कीलें तक परोसी गईं। इसके बाद 4 मई को उन्‍होंने अपने पद से इस्‍तीफा दिया और अपनी बहन के साथ वापस अपने घर लौट गईं। 5. पुलिस अफसरों पर सिक्योरिटी न देने का आरोप भी लगाया 2022 में लॉकडाउन के वक्त रानी नागर ने यूटी गेस्ट हाउस में रहते हुए कहा था कि कुछ वरिष्ठ आईएएस और चंडीगढ़ पुलिस के कुछ अफसरों के खिलाफ उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वे यूटी गेस्‍ट हाउस में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। उन्हें सिक्योरिटी भी नहीं दी गई। इसलिए वे लॉकडाउन की वजह से लगे कर्फ्यू के बाद इस्‍तीफा देकर अपने घर गाजियाबाद लौट जाएंगी।

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