हरियाणा में करनाल जिले के तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज की भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम में एंट्री हो गई है। वर्तमान में इंग्लैंड में चल रही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए अंशुल को बुलावा आया है। अंशुल इन दिनों इंग्लैंड में ही हैं। वह टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले इंडिया ए टीम का हिस्सा रहे हैं, जो इंग्लैंड लॉयन क्लब के साथ अनौपचारिक 2 टेस्ट खेल चुके हैं। इन दोनों टेस्ट में अंशुल ने जहां शानदार गेंदबाजी करते हुए जहां 5 विकेट लिए, वहीं बल्ले से कमाल दिखाते हुए अर्धशतक बनाया। 3 ओवर में 6 रन देकर दो विकेट उनकी बेस्ट बॉलिंग परफॉरमेंस रही। माना जा रहा है कि इसी शानदार प्रदर्शन के आधार पर 23 जुलाई से शुरू हो रहे चौथे टेस्ट मैच में उन्हें गेंद थमाई जा सकती है। क्योंकि तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह और आकाशदीप अनफिट हैं। हालांकि, अंतिम फैसला टीम मैनेजमेंट ही लेगी। अंशुल कंबोज का यह पहला इंटरनेशनल मैच होगा। हालांकि, इससे पहले वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और रणजी में अपनी गेंदबाजी का हुनर दिखा चुके हैं। रणजी में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले वे तीसरे भारतीय हैं। IPL 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने इन्हें साढ़े 3 करोड़ रुपए में खरीदा था। गुजरात के खिलाफ खेलते हुए अंशुल ने 2.3 ओवर में 6 रन देकर 3 विकेट हासिल किए थे। अंशुल की इस कामयाबी के पीछे उनकी और उनके परिवार की बड़ी मेहनत है। क्रिकेट सीखने के लिए वह 8 किलोमीटर पैदल चलकर जाते थे, क्योंकि करनाल एकेडमी जाने के लिए उनके गांव फाजिलपुर से बस स्टैंड इतनी दूर है। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए, अंशुल के संघर्ष की कहानी… IPL में 2 टीमों से खेल चुके, CSK ने 3.5 करोड़ में खरीदा मुंबई इंडियन ने दिया पहला मौका : क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन की बदौलत अंशुल पर IPL टीमों की नजर पड़ी। 2024 के सीजन में मुंबई इंडियंस (MI) ने चुना, जहां उन्होंने तीन मैच खेले और 2 विकेट लिए। वहीं, 2025 में हुए IPL में चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) की ओर से खेलने का मौका मिला। इसमें वह 3.5 करोड़ में खरीदे गए। उन्होंने मौका मिलने पर शानदार प्रदर्शन किया। अब उसी निरंतरता ने उन्हें टेस्ट टीम तक पहुंचाया है। 11 मैच में झटक चुके 10 विकेट : अब तक अंशुल आईपीएल के दो सीजन खेल चुके हैं। इसमें उन्हें 11 मैच खेलने का मौका मिला है, जिसमें वह 10 विकेट ले चुके हैं। उनकी इकोनॉमी 9.08 रही है। एक मैच में 6 रन देकर 3 विकेट लेना उनका बेस्ट बॉलिंग स्कोर है। परिजनों की आंखों में आंसू और चेहरे पर गर्व
अंशुल की मां पिंकी और पिता उधम सिंह बेटे की सफलता से भावुक हैं। उन्होंने कहा- हमने उसकी हर सुबह में खुद को भी शामिल किया, लेकिन अब उसका परिश्रम सबके सामने है। वह कभी थकता नहीं था। हम चाहते हैं कि वह आगे चलकर भारत का बेस्ट खिलाड़ी बने। परिवार की पृष्ठभूमि भी प्रेरणादायक
अंशुल के पिता उधम सिंह किसान हैं, मां पिंकी गृहिणी हैं। दादा पूर्ण सिंह भारतीय सेना में रह चुके हैं। छोटा भाई संयम फिलहाल ग्रेजुएशन कर रहा है। एक साधारण परिवार से निकलकर अंशुल ने जो किया है, वह गांव के हर युवा के लिए एक मिसाल बन चुका है। 18 जुलाई 2025 को पुरानी अकादमी पहुंचे, बच्चों को दिए टिप्स
अंशुल 18 जुलाई 2025 को करनाल में अकादमी पर आए और बच्चों के साथ प्रैक्टिस की। बच्चों ने बताया कि अंशुल उन्हें हमेशा सीख देते हैं, कभी घमंड नहीं करते और प्रेरित करते हैं कि कड़ी मेहनत से सब कुछ संभव है।
हरियाणा के पेसर की इंडियन टेस्ट टीम में एंट्री:रणजी में एक पारी में 10 विकेट ले चुके, IPL में ₹3.5 करोड़ मिले; 8KM पैदल एकेडमी जाते थे
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