हरियाणा के संजय कालीरावणा, जो इंडियन हॉकी के कैप्टन बने:कभी हॉकी खरीदने के पैसे नहीं थे, यह उपलब्धि पाने वाले दूसरे हरियाणवी

by Carbonmedia
()

हरियाणा के हिसार के संजय कालीरावणा को हॉकी इंडिया “ए” टीम का का कैप्टन बनाया गया है। संजय कालीरावणा पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के बाद दूसरे हरियाणवी हैं, जिन्हें हॉकी में बतौर कैप्टन देश का प्रतिनिधित्व करने का माैका मिलेगा। संजय की यह उपलब्धि इस मायने से भी बड़ी है कि एक समय था जब उनके पास हॉकी स्टीक खरीदने तक के भी पैसे नहीं थे। वे सीनियर्स से उधार लेकर हॉकी खेले। काबिलियत को पहचान कोच राजेंद्र सिहाग ने हॉकी स्टीक खरीद कर उन्हें दी थी। तब से लेकर अब तक संजय के नाम कई बड़ी उपलब्धियां जुड़ी चुकी हैं। इनमें यूथ ओलंपिक 2018, एशियन गेम्स 2022, बार्सेलोना में 2023 में हुए 4वें नेशनल मेंस इनविटेशनल टूर्नामेंट से लेकर पेरिस ओलंपिक गेम्स 2024 में पदक जीतना भी शामिल है। इसी साल उन्हें हॉकी में शानदार प्रदर्शन के लिए भारत सरकार की ओर से अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। यहां जानिए संजय कालीरावणा का हॉकी का सफर… 7 साल की उम्र में हॉकी खेलना शुरू किया
संजय कालीरावणा का जन्म 5 मई, 2001 को हरियाणा के हिसार के डाबड़ा गांव में हुआ था। पिता नेकी राम किसान है। संजय के चाचा के बेटे ने साल 2008 में हॉकी का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। संजय भी उसके साथ जाने लगा। मगर, आर्थिक तंगी के कारण जब वह हॉकी नहीं खरीद सका। इसी दौरान कोच राजेंद्र सिहाग की नजर उस पर पड़ी। उन्होंने प्रशिक्षण लेते देख उसकी काबिलियत पहचानी और उसे हॉकी खरीद कर दी। 4 साल तक गांव में हॉकी खेली, चंडीगढ़ का रुख किया
इसके बाद संजय ने 3 साल तक गांव डाबड़ा में हॉकी खेली। उसका खेल निखरने लगा तो कोच ने उसे आगे बढ़ने की सलाह दी। कोच की सलाह के बाद ही संजय ने चंडीगढ़ का रख किया। 2011 में उसे चंडीगढ़ हॉकी अकादमी में शामिल होने के लिए चुन लिया, जिसने खेल में उनके भविष्य के करियर की नींव रखी। इसके बाद संजय ने चंडीगढ़ एकेडमी में रहकर अपने खेल का और सुधारा। सब जूनियर नेशनल में हैट्रिक ने दिलाई पहचान
चंडीगढ़ हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण लेते हुए संजय ने हॉकी खेल की सारी बारीकियां सीखीं। उनकी बड़ी सफलता का क्षण 2015 में तब आया, जब उन्होंने पांचवीं सब जूनियर राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप के फाइनल में हैट्रिक बनाकर अपनी टीम को जीत दिलाई और पूरे देश में पहचान बनाई। संजय ने इसके बाद स्कूल एशिया कप 2017 में भारत अंडर-21 टीम की कप्तानी की, जहां उनकी कप्तानी ने टीम को फाइनल में जीत दिलाई। जूनियर हॉकी विश्वकप में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बने
इसके बाद संजय ने ब्यूनस आयर्स ग्रीष्मकालीन यूथ ओलंपिक में भारतीय टीम के उप-कप्तान की जिम्मेदारी संभाली। संजय ने इस प्रतियोगिता में भारत के लिए रजत पदक जीता। 2021 जूनियर हॉकी विश्व कप में वे 8 गोल के साथ सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बने। इस प्रदर्शन ने ही भारतीय सीनयर हॉकी टीम में एक शीर्ष दावेदार के रूप में उनकी स्थिति को और मजबूत किया। पेरिस ओलंपिक में ब्रांज जीतने वाली टीम के सदस्य
2022 में सीनियर स्तर पर पदार्पण करने के बाद से संजय ने कई पदक हासिल किए। इनमें 2023 एशियाई खेलों और पुरुष एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण पदक जीतना शामिल है। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य रहे। इसमें भारतीय टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। संजय कालीरावणा का भी भारत टीम के यहां तक पहुंचने में अहम योगदान रहा है। इंडिया हॉकी टीम की जिम्मेदारी मिली
लगातार मिल रहीं उपलब्धियों और प्रशंसा के चलते संजय को जुलाई 2025 में ही भारतीय ए टीम के कप्तान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। टीम इंडिया उनके नेतृत्व में एशिया कप 2025 में प्रतिभाग करेगी। इस बार एशिया कप के बिहार में होगा, जिसकी तैयारियों के लिए इंडिया टीम आजकल यूरोप में अभ्यास कर रही है। यहां टीम इंडिया कुछ शीर्ष यूरोपीय टीमों के खिलाफ कुल आठ मैच खेलेगी। इसका उद्देश्य उभरते और अनुभवी खिलाड़ियों के मिश्रण के साथ टीम इंडिया को तैयार करना है। आयरलैंड को हराया पहला मैच
यूरोप टूर पर संजय कालीरावणा की कप्तानी में इंडिया ने आयरलैंड को पहला मुकाबला 6-1 के अंतर से हराया। दूसरा मुकाबला भी इंडिया का आयरलैंड के साथ होगा। संजय कालीरावणा के अनुसार यूरोप का दौरा हम सभी के लिए एक बेहतरीन अवसर है। इस दौरे पर कुछ बहुत ही कठिन मैच होंगे और हम इन टीमों के खिलाफ खुद को परखने के लिए उत्सुक हैं। हमारी टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ी हैं, और यह इन मैचों में टीम के लिए बहुत उपयोगी होगा।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment